दिल्ली में आठ साल पहले हुई एक महिला की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस का दावा है कि महिला की हत्या मकान खाली नहीं करने पर उसके ही वकील ने कराई थी। पुलिस ने शुक्रवार को बुराड़ी से वकील समेत तीन आरोपियों को दबोच लिया।
तीनों आरोपियों ने महिला की मॉडल टाउन में हत्या करने के बाद शव बैग में रखकर न्यू उस्मानपुर स्थित यमुना खादर में फेंक दिया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हत्या की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी वकील वीरेंद्र कुमार (44), दिल्ली जल बोर्ड में सफाई कर्मचारी पृथ्वी सिंह (59) और कमलेश (28) के रूप में हुई है। इन्होंने किरण अग्रवाल नामक महिला की हत्या दिसंबर 2011 में हत्या कर दी थी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी जी राम गोपाल नाइक ने बताया कि महिला किरण के भाई ने मॉडल टाउन थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनकी बहन लापता है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
इस दौरान न्यू उस्मानपुर में तीसरे पुश्ते पर महिला का शव बरामद हुआ, जिसकी शिनाख्त किरण के रूप में हुई। बाद में मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। हत्या के आठ साल बाद शुक्रवार को क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि किरण की हत्या के पीछे बुराड़ी निवासी पृथ्वी सिंह और कमलेश का हाथ है। इसके बाद पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। दोनों ने सख्ती से पूछताछ करने पर बताया कि हत्या का मुख्य आरोपी वकील विरेंद्र कुमार है। उसने ही महिला की हत्या का ठेका इन आरोपियों को दिया था। फिर पुलिस ने वीरेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया।
30 लाख रुपये में सौदा
वीरेंद्र ने मकान मालिक को भरोसा दिया था कि 30 लाख रुपये में वह मकान खाली करवा देगा। इसी मकसद से उसने किरण की हत्या की साजिश रची। उसने पृथ्वी, बंटी और कमलेश की मदद से किरण की हत्या करवा दी और यमुना खादर में शव फेंक दिया।
महिला दो करोड़ मांग रही थी
पुलिस पूछताछ में वीरेंद्र ने बताया कि महिला मॉडल टाउन में अकेली रहती थी। उसकी अपने पति से लड़ाई चल रही थी।उसका वकील वीरेंद्र कुमार ही था। वहीं, महिला जिस मकान में किराए पर रहती थी, उसे खाली करवाने के लिए मकान मालिक ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। किरण मकान खाली करने के लिए दो करोड़ रुपये मांग रही थी। इस केस में भी वीरेंद्र ही वकील था।