पिथौरागढ़: देश में रोजगार के कम होते अवसर के बीच सरकारी सेवायोजन कार्यालयों की काहिली भी बेरोजगारों को फौज बढ़ाने में कम जिम्मेदार नहीं। सिस्टम की इस काहिली को समझना हो तो इसके जीवंत सुबूत हैं पहाड़ के चंद्र बल्लभ जोशी। जोशी अब 72 वर्ष के हो गए। वह पिछले 48 वर्षों से प्रतिवर्ष सेवायोजन कार्यालय में अपने रोजगार पंजीकरण का नवीनीकरण कराना नहीं भूलते। हौसला ऐसा कि आज भी उन्हें एक अदद सरकारी नौकरी के लिए सेवायोजन कार्यालय का बुलावा आने का इंतजार रहता है।
चीन और नेपाल से सटे पिथौरागढ़ जिले के मूनाकोट ब्लाक के भड़कटिया निवासी चंद्र बल्लभ 1969 के स्नातक हैं। 1945 में साधारण परिवार में जन्मे जोशी ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद एक अदद सरकारी नौकरी का ख्वाब देखा। उन्होंने 1969 में ही पिथौरागढ़ के सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीकरण कराया। जिसकी पंजीकरण संख्या 2978/69 है। हर वर्ष वह नौकरी आने की प्रतीक्षा में पंजीकरण का नवीनीकरण कराना भी नहीं भूलते।
हर बार वह अफसरों से एक ही सवाल करते हैं कि उन्हें नौकरी का सरकारी ऑफर कब आएगा। व्यवस्था से नाखुश 72 वर्षीय जोशी कहते हैं कि सरकारें आती जाती हैं, लंबे-चौड़े वादे होते हैं। बेरोजगारी दूर करने की जो बात होती है वह केवल भाषणों तक है। वह कहते हैं कि वह जब तक चलने फिरने वाली हालत में रहेंगे तब तक अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराते रहेंगे ताकि सरकारी काहिली का वह प्रमाण दे सकें। सरकारी नौकरी के इंतजार के बीच जोशी ने गरीबों के बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी तक में लोगों की मदद करने लगे। उनकी कर्मठता देखते हुए वह जनता ने उन्हें पांच साल के लिए मूनाकोट ब्लॉक का ब्लॉक प्रमुख भी चुना है।
आंदोलनकारी का प्रमाण पत्र भी न मिला
पृथक उत्तराखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में जोशी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पुलिस की लाठियां भी खाईं लेकिन सरकारी स्तर पर राज्य आंदोलनकारी चिह्नित होने से वंचित रह गए। जिला सेवायोजन अधिकारी यशवंत सिंह रावत का कहना है कि सेवायोजन के लिए पंजीकरण की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। सरकारी नौकरी की उम्र अधिकतम 42 साल है, लेकिन पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आयु पर कोई पाबंदी नहीं है। आउटसोर्सिंग से भी तमाम लोगों को निर्धारित आयु के बाद भी रोजगार का अवसर मिलता है या सरकारी योजनाओं का लाभ। इसलिए भी लोग नवीनीकरण कराते रहते हैं।