पहली बार फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही मेजबान भारतीय टीम के मुख्य कोच लुइस नोर्टन माटोस ने कहा कि उनकी टीम वर्ल्ड कप के पहले मैच में शुक्रवार को अमेरिका के खिलाफ उतरेगी तो उसकी नजरें इतिहास रचने पर होंगी. भारत और अमेरिका की टीमें यहां के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आमने-सामने होंगी.
माटोस ने कहा, “हमारे पास अनुभव नहीं है. पुर्तगाल, अमेरिका में आप सात साल के बच्चे को खेलते हुए देख लेंगे और जब वह वर्ल्ड कप में आते हैं तो उनके पास 10 साल का अनुभव होता है. भारत में हम इस तरह के अनुभव में पीछे हैं.”
भारत को वर्ल्ड कप के ग्रुप-ए में कोलंबिया, दो बार की विजेता घाना और अमेरिका के साथ रखा गया है. इसे ग्रुप ऑफ डेथ भी कहा जा सकता है, लेकिन भारतीय टीम के कोच माटोस ने कहा कि अपने पहले मैच को लेकर खिलाड़ी सकारात्मक हैं और अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करेंगे.
माटोस ने मैच से पहले कहा, “हमारे ग्रुप में कोलंबिया, अमेरिका और घाना हैं जो बड़े स्तर की टीमें हैं. एक कोच के तौर पर मैं अपनी टीम को अच्छे से तैयार कर रहा हूं. हमारे खिलाड़ी जानते हैं कि कल (शुक्रवार को) उन्हें किसके सामने उतरना है, लेकिन फुटबॉल ऐसा खेल है जहां अप्रत्याशित चीजें होती हैं.”
माटोस ने कहा, “मैं अमेरिका के बारे में सब जानता हूं. वह हमसे कई गुना ज्यादा मजबूत टीम है, लेकिन हम कम संभावना के बाद भी लड़ाई लड़ेंगे और भारतीय फुटबॉल में इतिहास रचना चाहेंगे.”
भारत पहली बार फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है. कोच से जब इस बात को लेकर टीम और सहयोगी स्टाफ में उत्साह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “बेशक भारत के लिए यह बड़ा टूर्नामेंट है और मैं भारतीय लोगों की तरह उत्साहित हूं.”
कोच माटोस ने कहा, “हम काफी कड़ी मेहनत कर रहे हैं क्योंकि भविष्य के लिए यह पहला कदम है और मैं इसका हिस्सा बनते हुए खुश हूं.”पिछले साल एएफसी अंडर-16 टूर्नामेंट में ईरान के खिलाफ खेले गए मैच में रेड कार्ड मिलने के कारण डिफेंडर बोरिस सिंह थांगजाम अमेरिका के खिलाफ नहीं खेल सकेंगे.
माटोस ने कहा, “जब मैंने अनुबंध किया था तब मैं जानता था कि वह रेड कार्ड के कारण मैच नहीं खेल पाएंगे, इसलिए हमने पहले से ही इसका उपाय ढूंढ़ लिया था. उनकी टीम के पास भले ही अनुभव की कमी हो, लेकिन खिलाड़ी अपने खेल को लेकर एकाग्र हैं.