सात नवंबर से ग्रह दशा में बड़ा परिवर्तन हो रहा है। इस दौरान सावधानी बरतते हुए शुभ कार्य करने होंगे।
ग्रहों के राजा बृहस्पति आज यानि सात नवंबर से उदित हो गए हैं। राक्षसों के देवता शुक्र अभी उदित हैं, लेकिन 15 दिसंबर को अस्त होंगे। अंगारक चतुर्थी का पर्व आज मंगलवार को मनाया जाएगा।
विवाह संस्कारों पर इन दोनों ग्रहों का भारी प्रभाव पड़ता है। पिछले दिनों विष्णु के जाग जाने के बाद चार महीनों से रुके विवाह प्रारंभ हुए थे। गुरु के उदय होने पर शुभ मुहूर्तों की संख्या बढ़ जाएगी।
ज्योतिषाचार्य डा. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि संकट 15 दिसंबर से फिर प्रारंभ होगा, जब शुक्रास्त हो जाएग। शुक्रोदय फिर दो फरवरी को होगा। उन दिनों में विवाहों के विशेष मुहूर्त बंद हो जाएंगे। यद्यपि जन्म कुंडली के हिसाब से कुछ विवाह हो सकते है।
विवाह के निर्धारण में शुक्र और गुरु दोनों को जागृत अवस्था में रहना जरूरी है। यह चक्र बिगड़ने पर किए गए विवाह अनेक बाद कष्टकारी होते रहे हैं। जब भी दोनों ग्रह उदित हो, उस दौरान किए गए विवाह बहु मंगलकारी होते हैं।
डा. मिश्रपुरी ने बताया कि चतुर्थी तिथि यदि मंगलवार को पड़ जाए तो उसे उग्र माना जाता है। ऐसा मंगलवार को हो रहा है। अंगारक चतुर्थी में अग्नि तत्व प्रभावि हो जाता है, जो बुरा प्रभाव डालता है।