राजनीतिक दलों में जहां 500 व 1000 रुपए के नोटों को रद्द करने को लेकर एक दूसरे से टकराव की स्थिति बरकरार है, वहीं एक युवा ने दावा किया है कि उसने पुराने 500 रुपए के नोट के जरिए बिजली पैदा की है।
उसके मुताबिक ‘इन नोटों को सूर्य की रोशनी या किसी अन्य रूप मे प्रकाश में लाने पर, सिलिकॉन बिजली पैदा करता है। सिलिकॉन प्लेट को नोट की एक तरफ जोड़ने की जरूरत होती है।’
उन्होंने कहा ‘धूप के संपर्क में लाने पर 5 वोल्ट की बिजली पैदा करता है। नोट को बिजली के तार से ट्रांसफॉर्मर से जोड़ने की जरूरत होती है जो कि 220 वोल्ट का उत्पादन करती है जो कि एक बल्ब या पंखा चला सकता है। हम यह बिजली 24 घंटे उपयोग में ला सकते हैं अगर यह बैटरी में स्टोर हो।’ ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में खारियर कॉलेज के इंटरमीडिएट साइंस स्टूडेंट लक्ष्मण दुन्डी ने दावा किया है कि वह पुराने 500 रुपए के नौट में मौजूद सिलिकॉन का उपयोग कर बिजली पैदा करने में सफल हुआ है।
लक्ष्मण ने यूरिन से पैदा हुई ऊर्जा से जनरेटर और साइकिल चलाने की संभावना का भी दावा किया। अपने प्रोजेक्ट्स को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए वह सरकारी सहायता की मांग कर रहा है। मजदूर दंपति का बेटा लक्ष्मण स्थानीय बाजार में अपने द्वारा असेम्बल किए एलईडी बल्ब बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्च उठा रहा है। नोटबंदी के बाद उसने 500 रुपए के पुराने नोटों के साथ प्रयोग किया जिसके बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा।
केंद्रपाड़ा में श्री मा गर्ल्स हाई स्कूल के साइंस टीचर प्रावत कुमार पारिजा ने कहा कि बिजली उत्पन्न करने वाला सोलर पैनल सर्किट बनाने के लिए सिलिकॉन सेल्स की श्रृंखला से एक साथ जुड़ा रहता है। अगर 500 रुपए के नौट पर वाकई सिलिकॉन का कोट है तो सोलर सेल्स के रूप में उपयोग कर बिजली पैदा की जा सकती है।