पूर्णिमा को खत्म होता
गुजरात में गौरी व्रत का बड़ा महत्व है। वहां पर यह एक पर्व की तरह मनाया जाता है। इसे मोराकत व्रत भी कहते है। यहां पर मान्यता है कि कुंआरी लड़कियों द्वारा गौरी व्रत किए जाने उन्हें अच्छा पति व परिवार मिलता है। मां गौरी उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। ऐसे में इस साल 5 जुलाई से इसकी शुरुआत हो रही है। शास्त्रों के मुताबिक यह व्रत असाढ़ माह की शुक्ल एकादशी से शुरू होता है और पांच दिन बाद पूर्णिमा को खत्म होता है। 
5 दिनों होती है पूजा
इस दौरान पांच दिन तक मां गौरी की विधिविधान से पूजा की जाती है। व्रत के सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नाना आदि किया जाता है। इसे बाद एक माता गौरी की पूजा शुरू की जाती है। गौरी माता पर पानी, दूध, फूल आदि चढ़ाया जाता है। इसके बाद दीपक जलाकर, पार्वती माता की आरती की जाती है। यह व्रत 5 दिनों तक चलता है। कहा जाता है कि इस व्रत में 5 दिन नमक का आहार नही किया जाता है।
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