 ये 39 भारतीय 2014 में लापता हुए थे, उस वक्त इराक और सीरिया पर आतंकी संगठन आईएसका कब्जा था। तब से सरकार उनको ढूंढने की कोशिश कर रही है। सिंह उन लोगों से जुड़ी जानकारी लेने इराक के मोसुल और बदूश शहर भी जाने वाले थे जहां वह अपने पिछले दौरे पर नहीं जा पाए थे क्योंकि तब वहां आईएस का कब्जा हुआ करता था। लापता लोगों से जुड़ी आखिरी जानकारी वहीं से आई थी।
ये 39 भारतीय 2014 में लापता हुए थे, उस वक्त इराक और सीरिया पर आतंकी संगठन आईएसका कब्जा था। तब से सरकार उनको ढूंढने की कोशिश कर रही है। सिंह उन लोगों से जुड़ी जानकारी लेने इराक के मोसुल और बदूश शहर भी जाने वाले थे जहां वह अपने पिछले दौरे पर नहीं जा पाए थे क्योंकि तब वहां आईएस का कब्जा हुआ करता था। लापता लोगों से जुड़ी आखिरी जानकारी वहीं से आई थी।
सिंह ने बताया कि लापता भारतीयों को हर उस जगह खोजा गया जहां उनके होने का अंदेशा था, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। सिंह भारत वापस आ गए हैं लेकिन इराक में मौजूद भारतीय दूतावास उन लोगों को खोजने का अभियान जारी रखेगा।
बता दें कि इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल जाफरी जब जुलाई में भारत दौरे पर आए थे तो उन्होंने साफ कह दिया था कि उन 39 भारतीयों के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वे जिंदा हैं भी या नहीं। पंजाब का एक शख्स (हरजीत) जो जून 2014 में आईएस के चंगुल से भागकर भारत आया था उसने भी दावा किया था कि सभी 39 भारतीयों को मार दिया गया है। अगवा 39 भारतीयों में से ज्यादातर पंजाब के ऐसे परिवारों से हैं जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है।
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