32 और घोड़ों में ग्लेंडर्स इन्फेक्शन, वेस्ट दिल्ली से बाहर

32 और घोड़ों में ग्लेंडर्स इन्फेक्शन, वेस्ट दिल्ली से बाहर

घोड़ों में ग्लेंडर्स का इन्फेक्शन वेस्ट दिल्ली से बाहर निकलकर साउथ, साउथ वेस्ट, नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में भी पहुंच गया है। 32 और घोड़ों में ग्लेंडर्स का इन्फेक्शन पाए जाने पर कृषि मंत्रालय ने आपात बैठक बुलाई और इसे कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सहित बाकी राज्यों को निर्देश जारी किया है। दिल्ली सरकार की डिवेलपमेंट कमिश्नर मनीषा सक्सेना ने बताया कि अब पूरी दिल्ली को नोटिफाइ करने की जरूरत है। हमने गृह मंत्रालय को प्रपोजल भेज दिया है, वहां से सहमति मिलते ही हम इन्फेक्शन से बचाव के लिए नोटिफाइ कर देंगे। नोटिफाइ करने का असर रिपब्लिक डे पर भी हो सकता है, क्योंकि ऐसे में घोड़ों के किसी भी तरह के मूवमेंट पर रोक लग जाएगी लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक दिल्ली पुलिस और आर्मी के घोड़ों में इस तरह का इन्फेक्शन नहीं पाया गया है।32 और घोड़ों में ग्लेंडर्स इन्फेक्शन, वेस्ट दिल्ली से बाहर

मनीषा सक्सेना ने कहा कि बुधवार को सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कई एजेंसियों ने हिस्सा लिया था। मीटिंग में घोड़े के साथ-साथ बाकी जानवरों को भी सर्विलांस पर रखने का फैसला किया गया है। सभी घोड़ों के अलावा, उनके साथ रह रहे दूसरे जानवरों की भी जांच कराने का फैसला लिया गया है। ये जानवर एक जगह रहते हैं, एक ही जगह पानी पीते हैं। ऐसे में एक से दूसरे में इन्फेक्शन फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर जरूरत हुई तो केयरटेकर की भी जांच कराई जाएगी। 

इस बारे में दिल्ली पशुपालन विभाग के डॉक्टर जितेंद्र कुमार गौड़ ने बताया कि अब तक कुल 40 घोड़ों में सैंपल पॉजिटिव पाया जा चुका है। पहले जिन आठ घोड़ों में इन्फेक्शन पाया गया था, वे सब के सब राजा गार्डन स्थित संजय गांधी पशु पालन केंद्र से थे लेकिन अब दूसरे सेंटर के घोड़ों में भी इन्फेक्शन पाया जा रहा है। 

डॉक्टर का कहना है कि दिल्ली में द प्रिवेंशन ऐंड कंट्रोल ऑफ इन्फेक्शन ऐंड कंटेज डिजीज इन ऐनिमल्स 2009 के अनुसार ग्लेंडर्स के इन्फेक्शन को घोड़ों में होने वाली संक्रमण की बीमारी के रूप में नोटिफाइ किया जा चुका है। ग्लेंडर्स इन्फेक्शन पशुओं और इन्सानों को प्रभावित करने वाला जूनोटिक इन्फेक्शन है। यह एक पीड़ादायक बीमारी है, इसमें पीड़ित जानवर हो या इन्सान, बहुत दर्द होता है। 

दोबारा रिपोर्ट आएगी 
डॉक्टर जितेंद्र ने बताया कि अब तक 1846 घोड़ों का सैंपल भेजा जा चुका है। इसमें से 1000 घोड़ों की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें से 32 नए घोड़ों में इन्फेक्शन पाया जाना चिंता की बात है इसलिए हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (NRCI) ने खुद आकर इन 32 घोड़ों का सैंपल लिया है। अब इसकी दोबारा रिपोर्ट आनी बाकी है। 

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