बॉलीवुड में फिल्मों की शूटिंग बाद में शुरू होती है, रिलीज का प्लान पहले बन जाता है। लेकिन ‘अलिफ’ फिल्म की स्ट्रैटिजी अलग है। इसे तीन करोड़ रु. खर्च कर बनाया गया है, लेकिन इसके निर्माता-निर्देशक इसे अभी थिएटर में रिलीज नहीं कर रहे हैं।
वे इसे पहले मदरसों, स्कूलों और यूनिवर्सिटीज़ में दिखा रहे हैं। फिल्म की कहानी ही मदरसे में पढ़ने वाली बच्चे के डॉक्टर बनने के सपने की है। इसमें पढ़ाई करने से लेकर उच्च शिक्षा के मार्ग में आने वाली परेशानियों को दिखाया गया है। फिल्म के निर्देशक ज़ैगम इमाम बताते हैं कि फिल्म शिक्षा और इसके अधिकार की बात करती है। वे कहते हैं कि इसका सिनेमाघरों में रिलीज होने से ज्यादा जरूरी अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचना है।
यह फिल्म नहीं बल्कि एक मुहिम है। गौरतलब है फिल्म की थीम से प्रभावित होकर अभिनेत्री सांसद जया बच्चन ने फिल्म में अपनी आवाज भी दी है। इसे अब तक उत्तरप्रदेश के मदरसों, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी आदि में इसे दिखाया जा चुका है। पिछले हफ्ते आॅस्ट्रेलिया में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वींसलैंड में भी दिखाई गई। अब इसे बीएचयू, उस्मानिया यूनिवर्सिटी और जेएनयू आदि में भी दिखाया जाएगा। फिल्म को कश्मीर के मदरसों में भी दिखाया जाएगा।
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