सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी। क्योंकि अक्सर माता पिता अपनी बेटी को दहेज़ में सामान या रुपए या गाड़िया देते है लेकिन यह आपने पहली बार सुना होगा की कोई माता पिता अपनी बेटी को दहेज़ में साँप देते हो। जी हाँ सांप। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के जोगीनगर में रहने वाले सपेरों के यहां एक अजीब प्रथा है। यहाँ विवाह संस्कार के दौरान वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को दहेज के रूप में 21 सांपों का उपहार देना अनिवार्य है। इसके बिना विवाह नहीं होता। अगर वधू पक्ष के यहां 21 सांप नहीं हुए तो वह बस्ती के अन्य सपेरों से उनके पालतू सांप लेता है और उपहार (दहेज) की रस्म पूरी करता है।
सांप के मरने पर होता है भोज – जोगीनगर के हर घर में अत्यंत जहरीला सांप पाला जाता हैं। सांपों का लालन-पालन बेटों की तरह किया जाता है। पाले हुए सांप की किसी कारणवश पिटारे में ही मौत हो जाए तो पालक द्वारा पूरे सम्मान के साथ मृत सांप का अंतिम संस्कार किया जाता है। पालक अपनी मूंछ-दाढ़ी मुंड़वाता है और पूरे कुनबे को भोजन कराता है।
जड़ी-बूटियों के जानकार हैं सपेरे – दिव्य औषधीय जड़ी-बूटी के जानकार जनजातीय सपेरे समय-समय पर सांप-बिच्छू से पीडि़त लोगों को लाभप्रद उपचार सुविधा भी उपलब्ध कराते रहते हैं। लेकिन सपेरों के सामने अपने पुश्तैनी कार्य को जारी रखने में अब दिक्कतें पेश आने लगी हैं। वन विभाग सांप पालने पर आपत्ति के साथ लगातार दबाव बना रहा है कि सांप को पकड़कर रखना बंद करें।