केंद्र सरकार ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचे जाने की योजना को फिलहाल टाल दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने अगले लोकसभा चुनाव के पहले एयर इंडिया की हिस्सेदारी बेचे जाने के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बिक्री तक सरकार एयर इंडिया को संचालन के लिए जरूरी फंड मुहैया कराएगी।
केंद्र की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब सरकार इस सरकारी विमानन कंपनी की 76 फीसद हिस्सेदारी बेचने में विफल रही है। बिडिंग के दौरान इस विमानन कंपनी के लिए किसी भी खरीदार ने बोली नहीं लगाई थी। माना जा रहा है कि किसी भी बोलीदाता की ओर से बिडिंग न करने के पीछे का प्रमुख कारण सरकार का 24 फीसद हिस्सेदारी अपने पास रखना है।
अधिकारी के मुताबिक विनिवेश का फैसला टलने के बाद ‘’महाराजा’’ कंपनी का दर्जा प्राप्त एयर इंडिया को जल्द ही सरकार की ओर से फंड प्राप्त होगा ताकि वह अपने दिन-प्रतिदिन के कामकाज का संचालन कर सके। इसके अलावा एयर इंडिया कुछ एयरक्राफ्ट की खरीद भी कर पाएगी। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस बैठक के दौरान पीयूष गोयल, जिन्हें हाल ही में वित्त मंत्रालय का अस्थायी प्रभार दिया गया है, नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वित्त मंत्रालय एवं नागर विमानन मंत्रालय से जुड़े अन्य बड़े अधिकारी शामिल रहे। अधिकारी ने बताया, “एयरलाइन को संचालन में मुनाफा हो रहा है, इसकी कोई भी फ्लाइट खाली नहीं जा रही है। प्रभावी लागत तंत्र के साथ हम इसकी संचालन दक्षता में सुधार करेंगे। अभी इसका विनिवेश किए जाने की जरूरत नहीं है।”
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