मुंबई: साल 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. 2014 में जीत का स्वाद चखने वाली बीजेपी किसी भी हाल में शिकस्त नहीं चाहती है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मैदान में बीजेपी के साथ दो-दो हाथ करने की तैयारी में लग गई हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में कई बदलाव फिर से देखने को मिल सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजनीति के नए चाणक्य बनकर उभरे प्रशांत किशोर एक बार फिर टीम मोदी के साथ नजर आ सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो दोनों दिग्गजों की मुलाकात कुछ दिनों पहले हुई थी. एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार मोदी और प्रशांत पिछले 6 महीनों से एक दूसरे के संपर्क में हैं. खबरों के मुताबिक प्रशांत की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात हुई हैं. फिलहाल रिपोर्ट्स बता रही हैं कि मुलाकात के बाद भी दोनों में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. हालांकि राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा उठने लगी है कि प्रशांत किशोर एक बार फिर सारथी बनकर बीजेपी के रथ को दौड़ा सकते हैं.
इससे पहले प्रशांत ने नरेंद्र मोदी का साथ साल 2012 गुजरात विधानसभा चुनाव और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दिया था. इसके बाद राज्य और केंद्र दोनों में बीजेपी की प्रचंड जीत हुई. अमित शाह से मनमुटाव होने के कारण प्रशांत ने अलग राह चुनी और बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस के महागठबंधन का साथ दिया. इस चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी.
इसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रशांत ने कांग्रेस का साथ और उन्हें भी वहां जीत मिली. मगर उत्तर प्रदेश चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा और यहीं से प्रशांत की पकड़ कमजोर माने जाने लगी. बहरहाल, अगर प्रशांत किशोर फिर एक बार मोदी का साथ देते है तो वह कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो सकते है. बीजेपी को उनके साथ से फायदा हो सकता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर अगले आम चुनाव में किसका साथ देते है.