नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने डिजिटल भुगतान को और गति देने के मकसद से 2000 रुपये तक डेबिट कार्ड, भीम, यूपीआई और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) से लेनदेन को निशुल्क करने की घोषणा की .नए साल के तोहफे के रूप में मिली यह सुविधा आगामी 1 जनवरी 2018 से प्रभावशील हो जाएगी .शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी.
इस बारे में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर ने बताया कि डिजिटल लेनदेन को बढावा देने के लिए सरकार बैंकों और व्यापारियों को एमडीआर का भुगतान करेगी.हालाँकि इस निर्णय से सरकारी खजाने पर 2,512 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा.सरकार की कोशिशों से डिजिटल लेनदेन में वृद्धि हुई है .अप्रैल से सितंबर 2017 में केवल डेबिट कार्ड से 2.18 लाख करोड़ का डिजिटल लेनदेन हुआ जो इस वित्त वर्ष के अंत तक यह 4.37 लाख करोड़ होने का अनुमान है.
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक डेबिट कार्ड लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर ) तय करता है , जो फ़िलहाल 2,000 रुपये के डेबिट कार्ड लेनदेन पर 0.75 फीसदी है. आरबीआई ने एमडीआर दरों में बदलाव किया है, जो 1 जनवरी 2018 से लागू होगा. नए नियम के अनुसार 20 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले छोटे कारोबारी के लिए एमडीआर शुल्क 0.40 प्रतिशत होगा और जिसमें प्रति सौदा शुल्क की सीमा 200 रुपये है.एमडीआर वह कमीशन होता है, जो प्रत्येक कार्ड लेनदेन सेवा के लिए दुकानदार बैंक को देता है.
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