फिल्मकार राजकुमार हिरानी की आगामी फिल्म में अभिनेत्री दीया मिर्जा संजय दत्त की पत्नी मान्यता की भूमिका में नजर आएंगी। फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है। अभिनेत्री ने बताया कि दो साल के बाद फिल्म के सेट पर जाना उनके लिए घबराहट भरा रहा। फिल्म के कलाकारों ने उन्हें घर पर होने जैसा महसूस कराया और वह सहज महसूस कर सकीं।
दीया ने ईमेल के जरिए आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, “मुझे शूटिंग करने में मजा आया, साथ ही यह घबराहट भरा भी था क्योंकि दो साल के अंतराल के बाद मैं फिल्म के सेट पर मौजूद थी। पहले दिन की शूटिंग वाली सुबह बहुत ज्यादा घबराहट वाली थी, लेकिन क्रू के सदस्यों के बढ़िया स्वभाव और जिन लोगों के साथ काम कर रही थी, उनके द्वारा मुझे घर जैसा महसूस कराए जाने से मैं सहज हो गई।”
अभिनेत्री की पिछली फिल्म ‘सलाम मुंबई’ (2016) थी। पिछले हफ्ते कोच्चि में उन्होंेने यास्मीन मदेर के नए परिधान संग्रह का अनावरण किया।
संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म में सोनम कपूर, अनुष्का शर्मा, परेश रावल, मनीषा कोईराला, करिश्मा तन्ना, विक्की कौशल और जिम सर्भ जैसे कलाकार है।
अभिनेता रणबीर कपूर फिल्म में संजय दत्त के किरदार में हैं।
अभिनेत्री फिल्म को लेकर रोमांचित हैं, लेकिन उन्होंने फिल्म के बारे में कोई जानकारी साझा करने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा, “यह मेरे पसंदीदा फिल्म निर्देशक के साथ है। मैंने उनके साथ पहले भी (‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में) काम किया है। मुझे अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक रणबीर कपूर के साथ काम करने का मौका मिला। मैं फिल्म को लेकर वास्तव में बेहद उत्साहित हूं और मैं इसे दर्शकों द्वारा देखे जाने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती।”
दीया ने यह पूछे जाने पर कि रुपहले पर्दे पर फिल्म संजय दत्त की जिंदगी को किस तरह जीवंत करेगी तो उन्होंने कहा कि वह इस सवाल का जवाब नहीं दे सकतीं क्योंकि फिल्म की रिलीज में तीन महीने रह गए हैं और इस बारे में कोई टिप्पणी करना या ज्यादा जानकारी देना जल्दबाजी होगी।
साल 2000 में मिस एशिया पैसिफिक का खिताब जीतने के बाद दिया ने 2001 में फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ से बॉलीवुड में आगाज किया था।
अच्छी शुरुआत के बावजूद अभिनेत्री बॉलीवुड में अपनी छाप नहीं छोड़ सकीं।
अभिनय के अलावा अपने पति साहिल सिंघा के साथ ‘बॉर्न फ्री एंटरटेनमेंट’ के बैनर तले 2014 में फिल्म ‘बॉबी जासूस’ का निर्माण किया।
दिया का कहना है कि वह फैशन को समकालीन दौर की अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित करती हैं।