नई दिल्ली: सरकार टैक्स चोरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। सबसे पहले उन लोगों से पूछताछ होगी जिन्होंने अपने अकाउंट्स में दो लाख से ज्यादा रुपए जमा करवाए हैं लेकिन उनकी बताए गए आय के साधन उस हिसाब से नहीं हैं।
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वित्त सचिव हंसमुख अधिया ने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा कि ज्यादातर लोगों को लगा कि 2.5 लाख रुपए तक जमा करवाना सेफ है। इसलिए उन्होंने अपने सारे खातों में 2.5 लाख से ज्यादा जमा करवा दिए।
अधिया ने बताया कि कई मामले तो ऐसे हैं कि एक ही शख्स ने 20-20 अकाउंट खुलवा रखे हैं और नोटबंदी के दौरान उसने सबमें 2.5-2.5 लाख जमा करवा दिए। यह सब पैन कार्ड की मदद से पता लगा क्योंकि ऐसे लोगों के सभी अकाउंट से एक ही पैन कार्ड जुड़ा हुआ है।
अधिया ने बताया कि नोटबंदी के दौरान दो तिहाही बैंक अकाउंट में जमा करवाया गया पैसा 2.5 लाख रुए से ऊपर है। जिसकी कुल रकम 10.28 लाख करोड़ रुपए है।
अधिया ने बताया, ‘ये कुछ ऐसे मामले हैं जो सामान्य नहीं हैं। ऑपरेशन क्लीन मनी में सबसे पहले इन्हीं को निपटाया जाएगा।’ अधिया ने आगे बताया कि 1.09 करोड़ अकाउंट ऐसे हैं जिनमें 5.48 लाख करोड़ की रकम जमा करवाई गई। इनमें जमा रकम 2 से 80 लाख के बीच है। वहीं 1.48 लाख अकाउंट ऐसे हैं जिनमें 4.89 लाख करोड़ जमा करवाए गए। इनमें जमा की गई रकम 80 लाख रुपए से ज्यादा है।
सरकार ने उन लोगों की भी लिस्ट तैयार की है जिन्होंने एक पैन कार्ड के इस्तेमाल से लगभग अपने दर्जन भर अकाउंट में 2 से 2.5 लाख रुपए तक जमा किए हैं। पहले चरण में सरकार द्वारा 18 लाख मामलों की लिस्ट तैयार की गई है। अधिया ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन मनी के अंतरर्गत दो साल में सब ठीक किया जाएगा। सरकार ने पिछले मंगलवार को ‘स्वच्छ धन अभियान’ की शुरुआत की थी। इसमें उन 18 लाख लोगों से पूछताछ की जाएगी जिन्होंने अपने एक या विभिन्न अकाउंट्स में 5 लाख या उससे ज्यादा रकम जमा करवा दी लेकिन उनकी इनकम प्रोफाइल उस हिसाब से नहीं है। अधिया ने यह भी साफ किया कि जिन लोगों का पैसा एक नंबर का है उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। नोटिस के बारे में उन्होंने कहा कि उससे घबराने की जरूरत नहीं है।