18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया जाएगा। इसकी जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को दी है। इसके बाद भारत में चीतों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। वहीं पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन पर भी 8 चीतों को बाड़े में छोड़ा था।
18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया जाएगा। इसकी जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को दी है।
महत्वाकांक्षी चीता पुन: परिचय कार्यक्रम के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने 72 वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों के पहले बैच जिसमें पांच मादा और तीन नर थे- को एक बाड़े में छोड़ा था।
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में, कूनो में 8 चीते हर तीन-चार दिनों में एक शिकार को मार रहे हैं और स्वस्थ हैं।
उनमें से एक चीता अस्वस्थ थी क्योंकि उसका क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ गया था। उन्होंने कहा कि इलाज के बाद वह ठीक हो गई है।
बता दें कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जनवरी में अफ्रीकी देश से चीतों के परिवहन और कूनो में उन्हें फिर से लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
दुनिया के 7,000 चीतों में से अधिकांश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में रहते हैं। नामीबिया में चीतों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है जो भारत से पूरी तरह से समाप्त हो गया है। जिसका मुख्य कारण अत्यधिक शिकार करना और निवास स्थान की कमी होना है। वहीं, आखिरी चीते की मृत्यु 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल के जंगलों में हुई थी।
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि फरवरी में 12 चीतों के आयात के बाद, योजना अगले 8 से 10 वर्षों के लिए सालाना 12 और स्थानांतरित करने की है। एमओयू की शर्तों की प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए हर पांच साल में समीक्षा की जाएगी।
भारत के वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार ‘भारत में चीता के पुन: परिचय के लिए कार्य योजना’ के अनुसार, लगभग 12-14 जंगली चीते जो एक नई चीता आबादी स्थापित करने के लिए आदर्श हैं, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से आयात किए जाएंगे।
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