न्यायालय का कहना है कि 18 साल से कम की लड़की और नाबालिग या नाबालिग उम्र से थोड़ी अधिक की आयु वाले लड़के के बीच संबंधों को ‘अप्राकृतिक’ या ‘प्रतिकूल’ नहीं कहा जा सकता। अदालत ने सुझाव दिया कि 16 साल की आयु के बाद आपसी सहमति से बनाए गए यौन संबंधों को बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए।