15 दिनों के अंदर प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजे केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और आज से 15 दिनों के अंदर मजदूरों को उनके घर भेजा जाए. कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना की जाए. उनका डेटा इकट्ठा किया जाए, जो गांव स्तर पर और ब्लाक स्तर पर हो.

इसके साथ ही उनकी स्किल की मैपिंग की जाए, जिससे रोजगार देने में मदद हो. अगर मजदूर वापस काम पर लौटना चाहते हैं तो राज्य सरकारें मदद करें.

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पलायन के दौरान मजदूरों पर दर्ज किए गए लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे वापस लिए जाएं. सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और जो मजदूर घर जाना चाहते हैं, उन्हें 15 दिन के अंदर घर भेजा जाए. अगर राज्य सरकारें अतिरिक्त ट्रेन की मांग करती हैं तो केंद्र 24 घंटे के अंदर मांग को पूरी करे.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सभी स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीमों के बारे में मजदूरों को बताया भी जाए.

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