कैंची में बाबा नीब करौरी आश्रम की स्थापना के बाद से ही वहां हर साल 15 जून को स्थापना दिवस कार्यक्रम होता है। इस बार 15 जून को कैंची मेले में रिकॉर्ड भक्तों के पहुंचने का अनुमान है।
इस बार 15 जून को कैंची मेले में रिकॉर्ड भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में अधिकारियों के समक्ष कैंची मेले के सफल संचालन को लेकर पांच बड़ी चुनौतियां रहने वाली हैं।
कैंची में बाबा नीब करौरी आश्रम की स्थापना के बाद से ही वहां हर साल 15 जून को स्थापना दिवस कार्यक्रम होता है। समय बीतने के साथ साथ स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम ने कैंची मेले का रूप ले लिया और साल दर साल यह भव्य होता गया। इन दिनों हर रोज दस से पंद्रह हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। वाहनों का दबाव बढ़ने से कैंची में जाम से लोग जूझ रहे हैं। 15 जून को व्यवस्थाएं सुधर पाएंगी या नहीं, इसका जवाब प्रशासन और पुलिस के प्लान की सफलता पर निर्भर करेगा।
प्रशासन के समक्ष यह रहेंगी प्रमुख चुनौतियां-
1- यातायात व्यवस्था का संचालन
कैंची मेले के दौरान रानीबाग-भीमताल, भीमताल-भवाली, भवाली-कैंची, ज्योलीकोट-भवाली, नैनीताल-भवाली और अल्मोड़ा-कैंची समेत भवाली और कैंची को रामगढ़ से जोड़ने वाली सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ने से कदम कदम पर जाम रहता है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सड़कों पर लगने वाले जाम से कैसे निपटेंगे और यातायात व्यवस्था को सुचारु कैसे बनाएंगे, यह अहम सवाल है।
2- अस्थाई पार्किंग स्थलों में पेयजल और शौचालय न होना
प्रशासन ने भवाली और गरमपानी में पार्किंग स्थल के लिए 14 स्थानों को चिह्नित किया है। इन सभी स्थानों में 1500 से अधिक छोटे-बड़े वाहन खड़े कराने की योजना है। यदि प्रशासन अपने उद्देश्य में सफल रहता है तो अकेले इन पार्किंग स्थलों में ही छह से सात हजार श्रद्धालु जुटेंगे। इन श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी पार्किंग स्थलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी करनी होगी। इसके लिए कम से कम 14 टैंकर और 50 से अधिक मोबाइल शौचालयों की जरूरत पड़ेगी।
3- देर शाम तक शटल सेवा संचालन
अलग-अलग स्थानों से श्रद्धालुओं को भवाली और कैंची तक लाने ले जाने के लिए प्रशासन ने 100 से अधिक बसें और 500 से अधिक छोटे वाहनों को शटल सेवा के रूप में चलाने की योजना बनाई है। शटल सेवा तो पिछले वर्षों के दौरान भी चलती रही हैं लेकिन दोपहर बाद धीरे-धीरे शटल सेवा वाले टैक्सी चालक श्रद्धालुओं को वापसी पर ले जाने के बाद अपने घरों को लौट जाते हैं। इससे शाम को कैंची और भवाली से श्रद्धालुओं को शटल सेवा उपलब्ध नहीं होती है।
4- दोपहिया वाहनों को व्यवस्थित कराना
15 जून को बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाइक व स्कूटी से कैंची धाम को रवाना होते हैं। पिछले वर्षों के दौरान जब से टैक्सी बाइकों का संचालन हुआ है तब से कैंची मेले के दौरान वहां जाने वाले दोपहिया वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। यही दोपहिया वाहन कई बार एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में जाम का कारण बनते हैं। प्रशासन इस बार इन दोपहिया वाहनों को कैसे व्यवस्थित कराएगा।
कैंची मेले के दौरान यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए रोडवेज और केमू बसों के अलावा टैक्सियों को शटल सेवा के रूप में चलाया जाएगा। प्रयास रहेगा कि न तो सड़कों पर जाम लगे और न ही श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतें हो। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
-परितोष वर्मा, एसडीएम हल्द्वानी और कैंची मेले के नोडल अधिकारी यातायात