प्रतिभाएं सुविधाओं की मोहताज नहीं होती है, उनको बस एक मौका और मंच मिलना चाहिए। मौका और मंच मिलते ही वो विश्व रिकार्ड तक बनाने में सक्षम होते हैं।
एक बात और भी है कि आज के समय में बच्चे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। वो कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे उनका अपना नाम हो। कुछ ऐसा ही कारनामा किया है 14 साल के एक स्कूली छात्र ने।
इसका नाम मोंटी लॉर्ड है। मोंटी ने मात्र 14 साल की उम्र में ही एक भारतीय का रिकार्ड तोड़ दिया है। अब मोंटी का नाम उस विश्व रिकार्ड में दर्ज कर लिया गया है।
14 साल के मोंटी ने अब तक 129 किताबें पढ़ ली है। अब यदि उनसे कोई भी इन 129 किताबों में से कोई किताब उठाकर उसकी पहली लाइन उनको बता देता है तो वो उस किताब की बाकी डिटेल खुद ही बता देते हैं। इससे पहले एक 30 साल के भारतीय के नाम ये रिकार्ड था जिसे अब मोंटी ने तोड़ दिया है। उन्होंने पिछले रिकॉर्ड को हराकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह स्थान हासिल किया।
मोंटी साइकोलॉजी में डिस्टेंस लर्निंग कोर्स के दौरान ही स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए काफी आकर्षित था। इसी वजह से उसने इसमें कोर्स किया। सबसे पहले मोंटी ने अपने शुरुआती वाक्य से सिर्फ 129 पुस्तकों की पहचान करके अपनी महत्वाकांक्षा को प्राप्त किया है। इसके लिए उसके पिता फेबियन लॉर्ड ने उन्हें रिकॉर्ड पुस्तकों में शामिल होने के लिए चुनौती दी, जिसे मोंटी ने स्वीकार किया और अपने पहले वाक्य से पहचानी जाने वाली सबसे पुस्तकों के लिए उपलब्धि हासिल की।
इस तकनीकी से अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराने के लिए मोंटी ने विजुअलाइजेशन तकनीक का उपयोग किया। इस तकनीक से मोंटी ने लगभग 200 पुस्तकों की पहचान की और उस पुस्तक की पहली लाइन याद करके ये रिकार्ड बनाया।
मोंटी की मेमोरी को चेक करने के लिए स्कूल के क्लासरूम को चुना गया। यहां श्रीलॉर्ड ने 130 किताबों की पहली लाइन पढ़ी। उसके बाद मोंटी ने उस किताब की डिटेल बता दी। श्रीलॉर्ड मोंटी की मेमोरी को देखकर हैरान थे। मोंटी ने सभी किताबों की पहली लाइन सुनने के बाद उस किताब की डिटेल बता दी। इन किताबों में बच्चों की पसंदीदा किताबें हैरी पॉटर, द ग्रूफालो और द एडवेंचर्स ऑफ हकलबेरी पिन शामिल थीं।
इसके अलावा विलियम शेक्सपियर के नाटकों से लेकर इयान फ्लेमिंग की बॉन्ड किताबें, इयान बैंक्स से फ्रांज काफ्का तक शामिल था, इसमें लोलिता और ए क्लॉकवर्क ऑरेंज जैसी किताबें भी शामिल थीं। मोंटी ने कहा कि पहली लाइनें याद करने के लिए मेरे पास दो या तीन हफ्ते होते थे।
मोंटी ने जब ये कारनामा करके दिखाया, उसके 11 दिन बाद, उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से एक ईमेल प्राप्त किया, जिसका शीर्षक ’यू आर ऑफिशियली अमेजिंग’ था। इसी मेल से मोंटी को उनकी सफलता की सूचना मिली। द डेलीमेल वेबसाइट ने इस खबर को प्रमुखता से कैरी किया है।