राज्य कर विभाग की केंद्रीयकृत आसूचना इकाई(सीआईयू) टीम ने जीएसटी चोरी पर देहरादून व रुड़की में आयरन स्टील व वर्क कांट्रेक्टर की 14 फर्मों पर छापा मारा। इस कार्रवाई में 2.31 करोड़ की जीएसटी मौके पर जमा कराई।
आयुक्त राज्य कर सोनिका के दिशानिर्देश पर बुधवार को सीआईयू ने जीएसटी चोरी पर कार्रवाई की। विभाग को जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल और बिजनेस इंटेलीजेंस पोर्टल की सूचना का विश्लेषण करने पर टैक्स चोरी का पता लगा। इस पर सीआईयू की टीमों ने एक साथ देहरादून व रुड़की में आयरन स्टील व वर्क कांट्रेक्टर फर्मों पर छापा मारा।
इन फर्मों ने दिल्ली व उत्तर प्रदेश की बंद हो चुकी फर्मों से माल खरीद दिखा कर फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ लेकर राजस्व की चपत लगाई। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि इन फर्मों ने दस्तावेजों में जिन वाहनों से माल की ढुलाई दिखाई है, वह उस दौरान दूसरे राज्यों में माल परिवहन करते पाए गए। कई मामलों में माल वाहक वाहन सप्लायर व खरीददार के बीच आने वाले टोल प्लाजा से नहीं गुजरे।
छह करोड़ से अधिक टैक्स चोरी का अनुमान
उपायुक्त निखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि एक ही परिवार के कई लोग आपस में मिल कर फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ लेने के लिए फर्मों को चला रहे थे। कार्रवाई में 12 फर्मों के व्यापार स्थल मिले हैं। जबकि दो फर्मों का घर से चलाया जा रहा था। पूरे मामले में छह करोड़ से अधिक टैक्स चोरी का अनुमान है।
विभागीय कार्रवाई के दौरान फर्मों से कारोबार व जीएसटी से संबंधित दस्तावेज जांच के लिए कब्जे में लिए गए। कार्रवाई में डिजिटल डिवाइस सीजन करने के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद ली गई। प्रारंभिक जांच में फर्मों ने 2.31 करोड़ की जीएसटी मौके पर जमा कराई है। कार्रवाई में उपायुक्त विजय पांडेय, अर्जुन राणा, अंजलि गुसाईं, दीपक कुमार, सुरेश कुमार, योगेश मिश्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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