सांसद सावित्री बाई फुले इस समय दलितों के हक और अधिकार को लेकर आंदोलित हैं। नमो बुद्धाय जनसेवा समिति के बैनर तले उन्होंने बहराइच के साथ ही प्रदेश और देश के विभिन्न जिलों में सभाएं की हैं।
बहराइच में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक बार फिर सांसद बिना नाम लिए व्यवस्था पर फायर दिखीं। बोलीं, बहुजन के पास दो जून की रोटी नहीं है। जिन योजनाओं की बात की जा रही है, वह योजनाएं गांव तक नहीं पहुंचती। झुनझुना पकड़ाया जा रहा है। 85 प्रतिशत बहुजन समाज योजनाओं से वंचित है।
उन्होंने कहा कि महज थोड़ा सा लालच देकर विकास की बात हो रही है। ऐसे में बहुजन समाज का विकास कैसे हो। जबकि डॉ. आंबेडकर ने सबको बराबरी का दर्जा दिया था। अधिकार दिया था कि सभी रोजगार के माध्यम से आगे बढ़ेंगे, लेकिन हालात ये हैं कि अनुसूचित जाति के लोग मजदूरी न करें तो दो जून की रोटी नहीं मिलती। अगर योजनाओं का लाभ मिल गया होता तो गांव का गरीब खुशहाल होता।