आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार फोर लेन सड़कों का जाल बिछाने जा रही है। राज्य सरकार ने अपने हाइवे नेटवर्क को वर्ष 2021 तक 500 किलोमीटर बढ़ाकर 1432 किलोमीटर तक पहुंचाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके तहत योगी सरकार प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाके बुंदेलखंड, गोरखपुर और इलाहाबाद में तीन नए एक्सप्रेस-वे बनाने जा रही है।
2021 तक 1432 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क
इसी महीने 341 किलोमीटर लंबे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू होने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ेगा। योगी सरकार ने अब झांसी से लेकर इटावा तक 293 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और लखनऊ से इलाहाबाद तक 150 किलोमीटर लंबे प्रयाग एक्सप्रेस-वे को अंतिम रूप दे दिया है।
इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ने वाले 89 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। यही नहीं 96 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य जारी है। इस तरह से वर्ष 2021 तक यूपी में 1432 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क होगा।
चार लेन का होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चार लेन का होगा और झांसी से शुरू होकर इटावा में खत्म होगा। इटावा में यह आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा। बुंदेलखंड परियोजना अपने आप में यूपी का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा जो राज्य के सबसे पिछड़े जिलों चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, जालौन और औरैया से होकर गुजरेगा।
प्रयाग एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे दोनों ही चार लेन की परियोजना है और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बनने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों आजमगढ़, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली और बाराबंकी में सड़कों का जाल बिछ जाएगा। राज्य सरकार ने अपने दस्तावेज में कहा है, ‘ये एक्सप्रेस-वे पूर्वी और मध्य यूपी में हाई-स्पीड कनेक्टविटी मुहैया कराएंगे जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल तक को फायदा होगा। यात्रा के दौरान समय और तेल की बचत होगी।