मांस के धंधे में बेमानी के चलते पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के राजाबाजार में एक बर्फ फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान घिनोना सच सामने आया. मरे हुए जानवरों के मांस को प्रोसेस करके शहर के होटल और रेस्तरां तक भेजे जाने के कृत्य का खुलासा हुआ. गुप्त सुचना के आधार पर मिली जानकारी के बाद बुधवार शाम को बर्फ फैक्ट्री में की गई छापेमारी जो रात भर चली में खुलासा हुआ की मांस के नाम पर अखाद्य जानवरो का मांस भी होटलो टॉक पहुंचाया जा रहा था. छापे के दौरान पैक्ड और बिकने के लिए तैयार मरे हुए जानवरों का 20 टन मांस जब्त किया गया. मरे हुए जानवरों का मीट लेकर जा रहे तीन लोगों को गिरफ्तार करने के एक हफ्ते बाद यह छापेमारी हुई जहां सामने आया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां काफी लंबे समय से जिस बात को लेकर आशंका जाहिर कर रही थी वह सच साबित हुई.
इस मामले में एक हफ्ते पहले गिरफ्तार हुए तीन लोगों के साथ 9 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, उन तीनों आरोपियों ने दावा किया था कि मरे जानवरों के मांस में ज्यादातर आवारा कुत्ते और बिल्ली का मांस होता है. हालांकि कोलकाता नगर निगम ने किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले साइंटिफिक टेस्ट का सुझाव दिया है. छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए जिसके अनुसार यहां मरे हुए जानवरों के मांस को केमिकल के साथ माइनस 44 डिग्री सेल्सियस तापमान में चार से पांच दिनों के लिए रिफ्रिजरेट किया जाता था.
इसके बाद इसको फ्रेश मीट में मिलाकर 20 किलो के वजन वाले पैकेट तैयार किए जाते थे और ऐसे कुल 1 हजार के पैकेट्स को महंगे होटेल और रेस्तरां में बेचा जाता था. केएमसी के अतिन घोष ने कहा कि वह मीट के टेस्ट के लिए सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैब के लगातार टच में बने हुए हैं. मामले की जांच कर रही दक्षिण 24 परगना जिले के बज पुलिस भी अलग से मीट का परीक्षण करा रही है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि मीट की सटीक पहचान थोड़ी मुश्किल साबित होगी क्योंकि इसे फ्रेश मीट के साथ मिलाया गया है.