आबादी से सटे करीब 125 वर्ष पुराने तालाब का गहरीकरण जनसहयोग से लगातार तीसरे वर्ष भी किया जा रहा है। यह कार्य पिछले चार दिनों से चल रहा है। इसमें एक जेसीबी, एक पोकलेन, चार डंपर सहित 20 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली लगे हुए हैं। इतना ही नहीं खुदाई के दौरान निकलने वाली मुरम से ग्रामीण अपने खेत पर जाने वाले रास्ता भी बना रहे हैं। चार दिनों में 500 से अधिक ट्रॉली मुरम निकाली जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक पिछले साल भी ग्रामीणों ने जनसहयोग कर तालाब से एक हजार ट्रॉली मुरम निकाली थी। इसके एक वर्ष पूर्व 4 हजार से अधिक ट्रॉली मुरम निकालकर तालाब गहरीकरण किया गया था। इस बार भी ग्राम पंचायत के सहयोग से 4 दिनों से ग्रामीण स्वयं के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मुरम लेकर घरों और खेतों के रास्तों पर डाल रहे हैं। कार्य में 1 जेसीबी, छह ट्रैक्टर-ट्रॉली और दो डंपर तालाब गहरीकरण में लगे हुए हैं। शनिवार को एक पोकलेन, 12 ट्रैक्टरट्रॉली और दो और डंपर ने तालाब के गहरीकरण में लगे।
कम बारिश, फिर भी भरा पानी : गहरीकरण के कारण ही तालाब में पहली बार वर्ष भर पानी भरा रहा। इससे गांव के कुएं और ट्यूबवेलों का जलस्तर बढ़ गया था। गांव के बुजुर्गों का कहना है कितनी भी बारिश हो तब भी मार्च के पहले सप्ताह में ही तालाब का पानी खत्म हो जाया करता था।