12 घंटे चली कोर कमांडर स्तर की बैठक, भारत ने दिया दो टूक संदेश

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच मंगलवार को चुशुल सेक्टर में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई। सेना के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच बैठक का तीसरा दौर 12 घंटे तक चला और रात 11 बजे खत्म हुआ। बैठक में भारत ने एक बार फिर साफ कह दिया है कि चीनी सेना को हर हाल में पीछे हटना ही होगा।

भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी के साथ चल रहे विवाद को सुलझाने और सेना को पीछे हटाने को लेकर सेनाओं के बीच कोर कमांडर-स्तरीय बैठक भारत की तरफ चुशुल में आयोजित की गई थी। इससे पहले एलएसी पर दो दौर की बैठक चीनी की तरफ मोल्डो में हुई थी।

भारतीय दल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे थे, जबकि चीन दल का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला के मेजर जनरल लिउ लिन कर रहे थे। सेना के सूत्रों ने बताया कि 22 जून को हुई कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के दूसरे दौर में दोनों पक्ष आपसी सहमति से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पीछे हटने के लिए सहमत हो गए थे।

इससे पहले दोनों देशों के बीच 6 जून को पहले दौर की बैठक हुई थी। इसमें दोनों देशों के बीच विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाकर आपसी संबंधों को आगे बढाने पर बात हुई थी। साथ ही भारत ने चीन से स्पष्ट तौर पर कहा था कि वह एलएसी पर पहले की स्थिति बनाए और गलवन घाटी और अन्य क्षेत्रों से अपने सैनिकों को तत्काल हटाए।साथ ही गलवन घाटी से धीरे-धीरे सैनिकों को हटाने पर भी सहमति बनी थी।

गलवन घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झ़़डप भी हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक मारे गए अपने सैनिकों की संख्या या अन्य जानकारी नहीं दी है।

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