11 अगस्त, शनिवार को विशेष संयोग बनने जा रहा है। इस बार 11 अगस्त को शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने जा रही है साथ ही इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इसके अलावा इस दिन हरियाली अमावस्या का त्योहार भी है। ज्योतिष में शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। जिसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में शनि अमावस्या का विशेष प्रभाव पड़ता है जिसकी कुंडली में शनि की अशुभ छाया और पितृ दोष होता है इस दिन कुछ उपाय को करने से यह दोष कम हो जाता है।
शास्त्रों में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के असर को कम करने के लिए शनि अमावस्या पर शनि के बीज मंत्र ऊं प्रां प्रौं स: शनैश्चराय नम: और ऊं शं शनैश्चराय नम: का जप करने के बारे में बताया गया है। इसके अलावा इस दिन उड़द दाल और तिल के तेल का दान करना चाहिए इससे पितृ दोषों से छुटकारा मिल जाता है।
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या पर जूते-चप्पल का दान शुभ माना जाता है। इसके अलावा शमी के पेड़ की पूजा करना भी फलदायी होगा।
ऐसी मान्यता कि जो भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें शनि देव कभी भी पीड़ा नहीं पहुंचाते। शनि अमावस्या पर तेल चढ़ाने और दीपक जलाने से शनि दोष और पितृदोष आसानी से दूर हो जाता है।
शनि अमावस्या के दिन काली गाय की सेवा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन काली गाय को रोटी खिलाएं और माथे पर सिंदूर लगाएं।
शास्त्रों में पीपल के पेड़ पर देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में शनि के दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या पर पीपल पर जल और दीपक अर्पित करें।