भारत सरकार का ‘ऑपरेशन गंगा’ अब फुल स्पीड के साथ चल रहा है और यूक्रेन में फंसे कुल 20 हजार भारतीयों में से 13 हजार घर लौट चुके हैं. लेकिन अब भी सुमी में फंसे छात्रों को उनके वतन पहुंचाना चुनौती बनी हुई है, क्योंकि इस इलाके में दोनों सेनाओं के बीच भीषण जंग जारी है और ऐसे में वहां फंसे करीब 700 छात्रों को निकाल कर बॉर्डर तक पहुंचाना चुनौती ही नहीं, बल्कि जान के खतरे से खेलने जैसा है.
भारतीय छात्रों को खारकीव से निकाला जा चुका है
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय छात्रों को खारकीव से निकाला जा चुका है. पिसोचिन से भी कुछ घंटों में सबका रेस्क्यू हो जाएगा. अब बस सुमी पर सरकार का जोर है. उनके लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है, लेकिन सुरक्षा सबसे ऊपर है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक वो छात्र टेंशन में तो हैं, लेकिन सुरक्षित जगह पर हैं. ये राहत की बात है. सरकार लगातार उनके संपर्क में है.
आज भी 13 उड़ानों के जरिए सैंकड़ों छात्रों की वतन वापसी होने वाली है
सुमी के अलावा जिन इलाकों से भारतीय छात्र बॉर्डर के देशों में पहुंच रहे हैं, उनको भारत पहुंचाने का काम अब तेज गति से चल रहा है. आज भी 13 उड़ानों के जरिए सैंकड़ों छात्रों की वतन वापसी होने वाली है. सुबह यूक्रेन से 183 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष विमान हंगरी के बुडापेस्ट से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा है.
‘ऑपरेशन गंगा‘ से भारतीयों का रेस्क्यू
- 63 उड़ानों से अब तक करीब 13 हजार भारतीय घर पहुंचे.
- 11 मार्च तक कुल 100 उड़ानों का शेड्यूल तय किया गया है.
- वायुसेना के साथ 6 निजी कंपनियों के विमान भी शामिल.
- 26 फरवरी से भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया था.