नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना में सर्वोच्च रैंक मार्शल हासिल करने वाले सेनानी अर्जन सिंह का आज 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी वीरता के किस्से इतने हैं, जो आज भी देश की तीनों सेनाओं के जवान एक-दूसरे को सुनाते रहते हैं।
पूरे देश को अर्जन सिंह के साहसी नेतृत्व का परिचय तब मिला, जब उन्होंने 1947 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के ऊपर से 100 से अधिक विमानों की उड़ान भरी थी।
आपको बता दें कि 98 वर्षीय अर्जन सिंह को जब वायु सेना प्रमुख बनाया गया था तो उनकी उम्र उस वक्त महज 44 साल थी और आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में उतरी भारतीय वायुसेना की कमान उनके ही हाथ में थी।
2002 में 85 वर्ष की आयु में उन्हें मार्शल ऑफ एयरफ़ोर्स का सम्मान दिया गया था। सम्मान के लिए राष्ट्रपति भवन में तब खास समारोह हुआ था। अर्जन सिंह ने 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को लायलपुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने 1944 में इम्फाल अभियान में स्क्वाड्रन लीडर के तौर पर अपनी स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था। 15 अगस्त 1947 को उन्होंने लाल किले के ऊपर फ्लाई-पास्ट का नेतृत्व किया था। आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में उतरी भारतीय वायुसेना की कमान अर्जन सिंह के हाथ में थी। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत में उनकी भूमिका बहुत बड़ी थी।
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