10 साल में चोरी के 1.71 लाख मामले दर्ज, खुली पोल रेलवे सुरक्षा की 

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले दस साल के दौरान रेल यात्रियों ने रेलगाड़ियों में चोरी के 1.71 लाख मामले दर्ज कराए हैं.

अकसर भारतीय रेलवे की ओर से सुरक्षा के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन ट्रेनों में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. रेल मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रेलवे अपने यात्रियों के सामान की सुरक्षा करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं कर पाया है. आंकड़े में बताया गया है कि पिछले एक दशक में चोरी के 1.71 लाख मामले दर्ज हुए हैं.

दरअसल, सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत रेलवे सुरक्षा को लेकर जानकारी मांगी गई थी. रेल मंत्रालय ने बताया, ‘‘दैनिक आधार पर औसतन 2,500 मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों का रेलवे सुरक्षा बल, रेलवे सुरक्षा विशेष बल की सुरक्षा में परिचालन किया जाता है. इसके अलावा करीब 2,200 ट्रेनों का सरकारी रेलवे पुलिस स्टाफ की सुरक्षा में परिचालन होता है.’’

रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक 36,584 मामले 2018 में दर्ज हुए हैं. वहीं 2017 में चोरी के 33,044 मामले दर्ज किये गए. इसी तरह 2016 में 22,106 और 2015 में 19,215 मामले दर्ज किये गए.  वहीं 2014 में ट्रेनों में चोरी के 14,301, साल 2013 में 12,261, साल 2012 में 9,292, 2011 में 9,653, 2010 में 7,549 और 2009 में 7,010 मामले दर्ज हुए. साल 2009 से 2018 के दौरान ट्रेनों में चारी के मामलों में पांच गुना तेजी हुई है.  कुल मिलाकर 2009 से 2018 के दौरान ट्रेनों में चोरी के कुल 1,71,015 मामले दर्ज किये गए.

हाल ही में रेल मंत्रालय ने बताया था कि पिछले चार साल के दौरान रेल यात्रियों से पैसे ऐंठने या छीनने के मामले में 73,837 किन्नरों को गिरफ्तार किया गया.  आरटीआई के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में, रेल मंत्रालय ने कहा कि 2015 में कुल 13,546 तो वहीं 2016 में 19,800 जबकि 2017 में 18,526 और 2018 में 20,566 ट्रांसजेंडर गिरफ्तार किए गए. मंत्रालय ने कहा कि इस साल जनवरी में 1,399 ट्रांसजेंडर गिरफ्तार किए गए.

बता दें कि भारतीय रेल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रेलवे के मुताबिक प्रतिदिन 19,000 से अधिक ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. रोजाना 1.3 करोड़ लोग रेल यात्रा करते हैं.

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