फ्लिपकार्ट को बिजनेस मजबूत करने में आ रही आर्थिक दिक्कतों से निजात मिलेगी. दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट, ई-बे और टेनसेंट ने मिलकर 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 9000 करोड़) रुपये की फंडिंग की है. यह कंपनी के इतिहास में 2007 से अब तक मिली सबसे बड़ी फंडिंग है.
सबसे ज्यादा फंडिंग चीन की टेनसेंट कंपनी ने की है. टेनसेंट ने अकेले 700 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है. जबकि ई-बे ने 500 मिलियन डॉलर और माइक्रोसॉफ्ट ने 200 मिलियन डॉलर निवेश किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील में फ्लिपकार्ट, ई-बे इंडिया का बिजनेस भी खरीदेगा.
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फ्लिपकार्ट की वैल्युएशन 11 अरब के पार
इस फंडिंग की वजह से फ्लिपकार्ट की वैल्युएशन अब 11 अरब 60 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई है. कंपनी के मुताबिक ये भारत में इंटरनेट सेक्टर के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश है और इससे फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स के अगले दौर में बड़ी छलांग लगा पाएगी.
फंडिंग से क्या होगा फ्लिपकार्ट को फ़ायदा
फ्लिपकार्ट को हाल के दिनों में उसकी प्रतिद्वंद्वी अमेज़ॉन से कड़ी टक्कर मिल रही थी. ताजा फंडिंग से आने वाले दिनों में कंपनी और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा.
11 अरब के पार पहुंची फ्लिपकार्ट
और क्या है डील में ?
डील के मुताबिक फ्लिपकार्ट, भारत में ई-बे के बिजनेस को खरीदेगा. भारत में ई-बे इंडिया की वैल्यू 200 मिलियन डॉलर है. इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट, स्ट्रैटजिक पार्टनर के तौर पर फ्लिपकार्ट के साथ जुड़ गया है.