1 करोड़ खर्च के बाद भी ताजमहल पर फेल हुए ये इंतजाम, ASI की नीतियों पर सवाल

1 करोड़ खर्च के बाद भी ताजमहल पर फेल हुए ये इंतजाम, ASI की नीतियों पर सवाल

ताजमहल में एएसआई ने मुख्य गुंबद के अंदर दीवारों को गंदे हाथों से छूने से बचाने के लिए जो रेलिंग लगाई है, वह उपयोगी साबित ही नहीं हो पाई। एक करोड़ रुपये खर्च कर गुंबद के अंदर संकरी गैलरी में स्टील की रेलिंग के बावजूद पर्यटक ताज की दीवारों को गंदा कर रहे हैं।1 करोड़ खर्च के बाद भी ताजमहल पर फेल हुए ये इंतजाम, ASI की नीतियों पर सवाल
वहीं यह रेलिंग कब्र वाले हिस्से में भीड़ प्रबंधन को फेल कर रही है। न तो भीड़ प्रबंधन में रेलिंग कारगर साबित हुई और न ही ताज की दीवारों को बचाने में।

क्रि समस से नए साल तक ताजमहल में सैलानियों का सैलाब उमड़ा, लेकिन जैसी बदइंतजामी इस साल हुई, ऐसी ताज पर कभी नजर नहीं आई। ताज पर टिकट 35 हजार तक ही बिके, लेकिन हालात बेकाबू हो गए। पूर्व में 48 हजार से ज्यादा टिकट ताज पर बेचे जा चुके हैं और एक भी सैलानी बिना देखे नहीं लौटा। 

 

सीआईएसएफ ने भी हालात बिगड़ने के पीछे गुंबद में लगी रेलिंग को जिम्मेदार माना था और इसे हटाने की वकालत की। अक्तूबर में ही रेलिंग लगाई गई है, जिसके बाद ताज में भीड़ प्रबंधन के हालात बिगड़ गए। 

एएसआई ने एक करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन यह उपयोगी नहीं नहीं हो सकी। अब इसी रेलिंग के कारण ताज पर दो तरह की टिकट और 40 हजार पर्यटकों की संख्या सीमित करने का प्रस्ताव है।

2007 में बनाया प्रस्ताव

एएसआई पूर्व में 2007 में ईरान की विश्व धरोहर में शुमार पर्सीपोलिस के साइरस मकबरे की तर्ज पर कांच की दीवार लगाने का प्रस्ताव बना चुकी थी। कांच की दीवार का प्रस्ताव भी तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. डीएन डिमरी ने तैयार कराया था। 

सीआईएसएफ तथा स्थानीय प्रशासन ने इसकी वकालत की है, लेकिन एएसआई के मौजूदा अधिकारी टफ एंड ग्लास की चार से पांच फुट ऊंची दीवार को रेलिंग के मुकाबले खारिज कर चुके हैं। हालांकि ऐसी ही दीवार गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में लगाई गई है।

यहां है कांच की दीवार

यूनेस्को ने 1979 में ईरान के शहर शिराज के पास पर्सीपोलिस में 2500 साल पुराने साइरस के मकबरे को वर्ल्ड हेरिटेज मान्यूमेंट का दर्जा दिया था। यूनेस्को के कार्यक्रम में एएसआई अधिकारी जब ईरान गए थे तो वहां साइरस के मकबरे में कांच की दीवार दिखाई गई। पर्यटकों द्वारा दीवारों को छूने से बचाने के लिए इसे लगाया गया था। 
उस दौरे के बाद ताजमहल मुख्य गुंबद में जाने के लिए सीढ़ियों पर लकड़ी के कवर लगाए गए ताकि संगमरमर की मूल सीढ़ियां घिसें नहीं। कांच की दीवार का एक सैंपल भी मुख्य मकबरे में कब्रों के चारों ओर लगाई गई एल्युमिनियम की जाली की जगह लगाकर देखा गया था। 

एएसआई के संयुक्त निदेशक डीआर गहलौत और निदेशक स्मारक सी. दोरजी भी इस प्रस्ताव को लेकर सहमत थे, लेकिन कुछ गाइडों ने तब इस पर सवाल उठा दिए थे, जिसके बाद यह प्रस्ताव लटक गया।

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