ताजमहल में एएसआई ने मुख्य गुंबद के अंदर दीवारों को गंदे हाथों से छूने से बचाने के लिए जो रेलिंग लगाई है, वह उपयोगी साबित ही नहीं हो पाई। एक करोड़ रुपये खर्च कर गुंबद के अंदर संकरी गैलरी में स्टील की रेलिंग के बावजूद पर्यटक ताज की दीवारों को गंदा कर रहे हैं।

वहीं यह रेलिंग कब्र वाले हिस्से में भीड़ प्रबंधन को फेल कर रही है। न तो भीड़ प्रबंधन में रेलिंग कारगर साबित हुई और न ही ताज की दीवारों को बचाने में।
क्रि समस से नए साल तक ताजमहल में सैलानियों का सैलाब उमड़ा, लेकिन जैसी बदइंतजामी इस साल हुई, ऐसी ताज पर कभी नजर नहीं आई। ताज पर टिकट 35 हजार तक ही बिके, लेकिन हालात बेकाबू हो गए। पूर्व में 48 हजार से ज्यादा टिकट ताज पर बेचे जा चुके हैं और एक भी सैलानी बिना देखे नहीं लौटा।
2007 में बनाया प्रस्ताव
यहां है कांच की दीवार
यूनेस्को ने 1979 में ईरान के शहर शिराज के पास पर्सीपोलिस में 2500 साल पुराने साइरस के मकबरे को वर्ल्ड हेरिटेज मान्यूमेंट का दर्जा दिया था। यूनेस्को के कार्यक्रम में एएसआई अधिकारी जब ईरान गए थे तो वहां साइरस के मकबरे में कांच की दीवार दिखाई गई। पर्यटकों द्वारा दीवारों को छूने से बचाने के लिए इसे लगाया गया था।