होने वाली है बड़े स्तर में पानी की किल्लत, 91 बड़े जलाशयों में घटा जल स्‍तर
होने वाली है बड़े स्तर में पानी की किल्लत, 91 बड़े जलाशयों में घटा जल स्‍तर

होने वाली है बड़े स्तर में पानी की किल्लत, 91 बड़े जलाशयों में घटा जल स्‍तर

नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में देश में पानी की किल्लत हो सकती है। दरअसल, देश के 91 बड़े जलाशयों में अपनी क्षमता का केवल 45 प्रतिशत पानी ही बचा है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार इस साल 25 जनवरी तक इन जलाशयों में 73.029 अरब घन मीटर पानी था, जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब दस फीसद कम है।होने वाली है बड़े स्तर में पानी की किल्लत, 91 बड़े जलाशयों में घटा जल स्‍तर

पिछले साल के मुकाबले पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के जलाशयों में इस वर्ष पानी के स्तर में कमी आई है। जबकि, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के बड़े बांधों में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार ज्यादा पानी है।

इजरायल अब भारत को सिखाएगा पानी बचाना

पानी संकट बारहमासी बनता जा रहा है। हमें इस हालात से उबारने में भारत का मित्र देश इजरायल मदद कर सकता है। दस वर्ष पहले भारत जैसी ही स्थिति इजरायल की भी थी, लेकिन जल प्रबंधन की प्रभावी तकनीकें अपनाकर उसने खुद को इस संकट से उबार लिया। चीन और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से इस्तेमाल होने वाले भूजल से अधिक भूजल भारत में इस्तेमाल होता है। देश के कुल भूजल ब्लॉकों में से 29 फीसद संकटग्रस्त हैं। कृषि प्रधान देश होने के नाते यहां सिंचाई में भूजल का प्रयोग होता है। दस वर्ष पहले इजरायल में पानी का घोर संकट था। ऐसे में इस देश ने दोहरी रणनीति अपनाई। पहले तो पानी की बर्बादी को रोका और फिर पानी सप्लाई के स्रोतों में इजाफा किया। ऐसा करके अब इजरायल भरपूर जल संसाधन वाला देश बन पाया। अब चीन, जापान और कनाडा जैसे देश इजरायल से उसकी तकनीक मांग रहे हैं।

इजरायल से हुआ करार

इंडो-इजरायली एग्रीकल्चरल कोऑपरेशन प्रोजेक्ट के तहत इजरायल की अंतरराष्ट्रीय विकास सहभागिता एजेंसी माशव और भारत के राष्ट्रीय बागवानी मिशन के बीच करार हुआ। इस सहयोग के चलते भारतीय किसान 65 फीसद कम पानी के इस्तेमाल में 10 गुना अधिक पैदावार करने में सक्षम हुए। इस प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर अपनाकर एक बड़े भूजल को बचाया जा सकता है।

 

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