दुनिया भर में तपेदिक (टीबी) की राजधानी कहे जाने वाले भारत में इस साल 15 लाख से ज्यादा नए मरीजों की पहचान की गई है। पिछले कई महीनों से टीबी को लेकर देशभर में चल रही मुहिम के जरिये इन मरीजों का पता चला है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से ढाई लाख मरीज सामने आए हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से लेकर 5 दिसंबर के बीच 15,18,008 मरीज मिले हैं। इनमें से 12,05,488 मरीजों की पहचान सरकारी अस्पतालों से हुई है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों से 3,12,520 मरीज मिले हैं। भारत में अब टीबी मरीजों की संख्या 35 लाख से ऊपर जा चुकी है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही टीबी के मरीजों के इलाज में आर्थिक मदद भी करने जा रही है। मरीजों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग भी शुरू हो चुकी है, जहां जिले से लेकर राज्य तक की स्थिति के बारे में देखा जा सकता है।
दिल्ली में हरियाणा से ज्यादा मरीज
रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में इस साल टीबी के 34 हजार 199 केस मिले हैं, जबकि दिल्ली में 37 हजार 490 केस हैं। दिल्ली का नेहरू नगर टीबी को लेकर रेड जोन में रखा गया है। इस इलाके से सर्वाधिक 2,729 मरीज दर्ज हुए हैं।
कानपुर रेड अलर्ट पर
यूपी में टीबी के 2 लाख 54 हजार 717 मरीज दर्ज हुए हैं। इस राज्य में कानपुर जिले को रेड अलर्ट पर रखा गया है, जहां सर्वाधिक 12 हजार 863 मरीज पंजीकृत हैं। यूपी के अलावा महाराष्ट्र (1,64,113) दूसरे और गुजरात (1,23,101) तीसरे नंबर पर है।
हर महीने मिलेंगे 500 रुपये
केंद्र सरकार टीबी के मरीजों को राहत देने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही सरकार देशभर के 35 लाख मरीजों को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक मदद करेगी। हालांकि कुछ राज्य पहले से ही आर्थिक मदद कर रहे हैं, लेकिन सरकार के इस फैसले पर जानकारों का कहना है कि इससे मरीजों को उपचार में काफी सहूलियत भी मिलेगी।
अन्य राज्यों की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 73,404, अंडमान निकोबार में 560, अरुणाचल प्रदेश में 2,861, पंजाब में 40,165, असम में 34,865, बिहार में 78,927 और चंडीगढ़ में 5,431 नए टीबी मरीज मिले हैं। इनके अलावा छत्तीसगढ़ में 33,782, गोवा में 1,875, हिमाचल प्रदेश में 12,235, जम्मू-कश्मीर में 8,998, झारखंड में 33,336, कर्नाटक में 63,286, केरल में 17,329, मध्य प्रदेश में 1,13,915 और मणिपुर में 2,318 मरीज मिले हैं।