हेपेटाइटिस, HIV और रेबीज से पीड़ित रोगियों के लिए ये जरूरी हैं ये खबर

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि मनुष्यों और अन्य स्तनधारी जीवों में कैसे प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले एंजाइम वायरसों को फैलने से रोकते है. इस अध्ययन से वायरस रोधी नई दवा का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. वेस्ट नाइल , हेपेटाइटस सी, रेबीज और एचआईवी समेत कई तरह के वायरसों पर वायरल रोधी असर के लिए पहचाने जाने वाला एंजाइम विपेरिन डीडीएचसीटीपी अणु उत्पन्न करता है जो वायरसों को फैलने से रोकता है. इस शोध से शोधकर्ता ऐसी दवा खोज सकते हैं जो मानव शरीर को ऐसा अणु उत्पन्न करने के लिए प्रेरित कर सकती है और कई तरह के वायरसों के लिए एक थेरेपी की तरह काम कर सकती है.

अमेरिका में पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रेग कैमरुन ने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि विपेरिन एंजाइम से संबंधित गतिविधि के जरिए व्यापक स्तर पर वायरस रोधी असर करता है लेकिन अन्य वायरल रोधी एन्जाइम वायरसों को रोकने के लिए अलग तरीके का इस्तेमाल करते हैं . ’’ 

हेपेटाइटिस को रोकने के उपाय – 

  • हाथ धोने की आदत : यह सुनिश्चित करें कि परिवार में हर कोई बाथरूम जाने (या डायपर बदलने) के बाद और भोजन करने से पहले हाथ धोए. 
  • किसी अन्य के रक्त संपर्क से बचें : रक्त का कोई भी संपर्क हेपेटाइटिस बी और सी को प्रसारित कर सकता है. इसलिए अगर आप इसके संपर्क में आते हैं तो अच्छी तरह से हाथ धो लें. 
  • टैटू से सावधान रहें : किसी लाइसेंसधारी पेशेवर द्वारा ही टैटू गुदवाएं. सुइयों और टैटू से हेपेटाइटिस होने का डर रहता है. 
  • सुरक्षित सेक्स : उचित गर्भनिरोधक विकल्प का उपयोग करें. यौन साथी अधिक होने पर हेपेटाइटिस संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है.

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