बारिश और जलभराव ने गुराना और खानपुर, सिंधड़, सिंघवा राघो व घिराय के ग्रामीणों के वर्षों पुराने भाईचारे पर पानी फेर दिया। नौबत यह आ गई कि बिना किसी की जान की परवाह किए लोग एक-दूसरे पर पत्थरों और लाठियों से हमला करने लगे। देखते ही देखते दोनों पक्षों के लोगों का खून बहने लगा। बीचबचाव कर रहे पुलिसकर्मियों को भी चोटें लगीं। कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मारपीट न करने के लिए समझा रहे थे, लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा था। तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर गांव और सिंघवा राघो माइनर पानी 200 पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
गुराना की घटना के बाद पुलिस ने बालसमंद ब्रांच पर भी गश्त लगा दी है। सिंचाई विभाग के बेलदार, जूनियर इंजीनियर, पुलिसकर्मियों के साथ गश्त पर रहेंगे। वहीं, रात करीब साढ़े दस बजे डाटा गांव के महिला महाविद्यालय में डीसी अनीश यादव, हिसार एसपी शशांक कुमार, हांसी एसपी अमित यशवर्धन, एसडीएम राजेश कोथ सहित सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पांचों गांवों के सरपंचों और मौजिज लोगों के साथ बैठक कर सुलह वार्ता की। इस दौरान तय किया गया कि माइनर का पानी पांच बीटी सेट लगाकर बालसमंद ब्रांच में डाला जाएगा। वहीं, माइनर में आए कटाव को बंद कर दिया जाएगा। इस पर ग्रामीणों ने सहमति जताई।
8-10 किलोमीटर की दूरी में हैं सभी गांव
गुराना और खानपुर, सिंधड़, सिंघवा राघो व घिराय की आपस में 8-10 किलोमीटर की दूरी है। ग्रामीणों के खेतों की सीमाएं आपस में लगी हैं। वर्षों से आपस में प्रेम भाव है और हर खुशी और गम के मौके पर आना-जाना लगा रहता है लेकिन प्राकृतिक आपदा की वजह से भाईचारे को नजर लग जाएगी यह किसी ने सोचा नहीं था। यही वजह रही कि लोग लाठियां हाथ में लेकर एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो गए। दोनों पक्षों के लोगों के सिरों से खून बहने लगा तो मामला कुछ शांत हुआ। इस घटना के बाद पूरे जिले की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। सिंचाई व नहरी विभाग के सभी अधिकारियों- कर्मचारियों को नहर, माइनर, ड्रेन की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। सिंचाई विभाग के सभी बेलदारों, जूनियर इंजीनियर को 24 घंटे निगरानी कर कंट्रोल रूम में रिपोर्ट देनी होगी।