मालवा/निमाड़। किसान आंदोलन के तीसरे दिन हिंसक वारदात हुई। इस दौरान कई स्थानों पर दूध के टैंकर और कैन बहा दिए गए। बड़े पैमाने पर आंदोलनकारियों ने सब्जियों को सड़कों पर फैंक दिया और फिर इनके उपर से वाहन निकाले। मिली जानकारी के अनुसार रामटेकरी कार्नर पर महिलाओं के समू ह में जनता काॅलोनी निवासी शकुंतला चैहान ने हुड़दंगियों से यह कहा गया कि विभिन्न परिवार में बच्चे दूध के लिए रो रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में इस तरह के हालात पर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ट्वीट किया कि कृषि कर्मण अवॉर्ड के बाद भी किसान की हालत बद से बदतर क्यों होती जा रही है।
किसानों के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाली शिवराज और मोदी सरकार यह बताऐ कि आखिर अन्न्दाता सड़कों पर क्यों उतरा है। शिवराज सरकार संवेदनहीन और उदासीन दिखाई दे रही है।ऐसे में आप लोग दूध और सब्जियों की बर्बादी कर रहे हैं। चोइथराम मंडी में किसानों ने हंगामा मचा दिया। हंमागा होने के दौरान क्षेत्र में हड़कंप मच गया। उपद्रवियों को शांत करने के लिए पुलिस बल को लाठी चार्ज तक करना पड़ गया। ऐसे में किसानों ने भी उग्रता दिखाई।
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सबसे अधिक खराब हालात बिजलपुर में देखने को मिले। यहां पर सब्जियों का जमकर नुकसान हुआ। दूसरी ओर चोइथराम मंडी क्षेत्र में डिवाईडर को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस को यहां पर हवाई फायर तक करने पड़े लेकिन इसके बाद भी लोगों का आक्रोश नुकसान कर रहा था। इंदौर व सांवेर के बीच इंदौर टोल नाके को आग के हवाले कर दिया गया। इंदौर, उज्जैन संभाग में हालात बेहद खराब रहे। उज्जैन के रतलाम में दो समुदायों में ही विवाद हो गया।
एक समुदाय के लोग जब दूसरे समुदाय के लोगों के प्रतिष्ठान बंद करवाने पहुंचे तो लोग भड़क उठे। ऐसे में पुलिस को हवाई फायर करने पड़ गए। मंदसौर में लोगों ने दूध ढोल दिया। शाजापुर में किसान द्वारा सब्जी, अनाज और अलाू व प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई। कुछ दुकानों पर तो लोगों ने पथराव तक कर दिया। इंदौर के खंडवा में बस में रखी सब्जियों को सड़कों पर फैंक दिया गया। कुछ लोगों ने दूध वाहन को कैप्चर करने का प्रयास किया और वाहन चालक अपना वाहन कोतवाली में लेकर पहुंचा।
दूध की कमी के चलते वाहन में रखा दूध लगभग 25 रूपए में बिका। धार में सब्जी की परेशानी हुई। क्षेत्र में सांची का दूध विक्रय के लिए नहीं भेजा गया। नीमच के टैगोर मार्ग स्थित मंडी में पहुंचने से मंडी बंद हो गई। जरन में किसान नेता रमेश राजोरा और दूसरे किसानों ने सड़क पर दूध व्यर्थ बहा दिया।
भारतीय किसान संघ ने किसान आंदोलन के दौरान भोपाल में गांव में बंद को समर्थन दिया है। किसान संघ के संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित ने कहा कि हम ग्राम बंद के समर्थन में खड़े हैं। जब तक सरकार मांगें नहीं मानती,तब तक गांव से कोई उत्पाद शहर नहीं आएगा, लेकिन किसान यूनियन द्वारा सड़कों पर दूध फेंकने,सब्जी फेंकने सहित तोड़फोड़ जैसी घटनाओं का विरोध करती है।