महाराष्ट्र में सियासत दिलचस्प हो गई है. सबकी नजरें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच होने वाले गठबंधन को लेकर है. खास बात ये है कि एक तरफ शिवसेना है जिसे कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को समर्थन देने वाली पार्टी के तौर पर जाना जाता है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी है जिसने खुद को इससे दूर रखा हुआ है या यूं कहें तो ये दोनों पार्टियां ही इससे परहेज करती हैं.अब सूत्रों का कहना है कि शिवसेना अपने कट्टर हिंदुत्व तो कांग्रेस और एनसीपी अपने मुस्लिम तुष्टीकरण का त्याग करेगी.
अब शिवसेना को लेकर वीर सावरकर के पोते रंजीत का बयान सामने आया है. रंजीत से शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर सवाल किया गया. इसपर उन्होंने कहा, ‘’जहां तक उद्धव जी का सवाल है वे अपने हिंदुत्व की विचारधार को कभी नहीं छोड़ेंगे और सत्ता की खातिर वीर सावरकर के लिए भारत रत्न के मांग से पीछे हटेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि शिवसेना, हिंदुत्व पर कांग्रेस के रुख को बदल देगी.’’
जाहिर है कि विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वीर सावरकर के लिए भारत रत्न देने का वादा किया था. शिवसेना ने भी इसका समर्थन किया था. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कहा था कि अगर हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर उस समय देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में नहीं आता. इतना ही नहीं ठाकरे ये भी कह चुके हैं कि जो सावरकर की इज्जत नहीं करते उन्हें सरेआम चौक पर पीटना चाहिए.