पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यक्रम में भाग लेने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने रविवार को कहा कि जिहादियों के पक्षधर हामिद अंसारी अब अपने असली रंग में खुल कर सामने आ गए हैं, और जिहादियों के साथ उनके संबंधों की जांच की जानी चाहिए। जैन ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि पद पर रहते हुए भी अंसारी अपने भाषणों से मुस्लिम समाज में असंतोष पैदा करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से आतंकियों के एजेंडे को ही लागू कर रहे थे, और अब वह जेहादी संगठनों के संरक्षक के रूप में काम करते दिखाई दे रहे हैं।
जैन ने कहा है, “पूरा देश जानता है कि पॉपुलर फ्रंट सिमी का नया और विस्तृत रूप है। यह जेहादी और आतंकी काम तो करता ही है, केरल में देशभक्तों की निर्मम हत्याओं में भी इनके कार्यकर्ता आरोपित हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके लव जिहाद के कारनामों में इनके हाथ की सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं।
जैन ने सरकार से मांग की है कि पद पर रहते हुए हामिद अंसारी के जेहादी संगठनों के साथ संबंधों की तो विस्तृत जांच होनी ही चाहिए, साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाना चाहिए कि देश के इस अति महत्वपूर्ण पद का दुरुपयोग कर उन्होंने किन-किन संगठनों और विचारधाराओं को प्रोत्साहन दिया।
विहिप के नेता ने कहा, “पॉपुलर फ्रंट के काले कारनामों को जानते हुए भी इसके कार्यक्रम में भाग लेना हामिद अंसारी के इरादों की पोल खोलता है। उनके विवादित बयानों को लेकर विहिप ने पहले ही उनके इरादों पर शक जाहिर किया था। किंतु आतंकियों को प्रोत्साहन देने वाले इस काम ने तो विहिप की आशंका को सत्य सिद्ध कर दिया है।”
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल की ओर से जारी बयान में जैन ने कहा है कि यह जानकारी पूरे देश के सामने आनी चाहिए, जिससे भविष्य में कोई और इस गरिमापूर्ण पद का दुरुपयोग न कर सके।
उल्लेखनीय है कि अंसारी ने शनिवार को केरल के कोझिकोड में महिलाओं पर आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। ‘द रोल ऑफ वूमेन इन मेकिंग अ ह्यूमन सोसायटी’ शीर्षक वाले इस सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ आब्जेक्टिव स्टडीज ने नेशनल वूमेन फ्रंट (एनडब्ल्यूएफ) के साथ मिलकर किया था। एनडब्ल्यूएफ पीएफआई की महिला शाखा है। पीएफआई पर युवाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती करने के आरोप लगते रहे हैं।