हादसा: भैरोघाट पर गंगा में डूबे तीन दोस्त, मौत!

गंगा नहाने भैरोघाट गए घंटाघर के सात दोस्तों में से तीन की रविवार दोपहर गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। बाकी दोस्तों ने बचाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों को निकलवाकर एलएलआर अस्पताल (हैलट) भेजा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। तीनों युवकों के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया।

सीपीसी कालोनी निवासी रेलवे के गैंगमैन राजकुमार के चार बेटों में सबसे छोटा राजेश उर्फ छोटू (18) इंटर का छात्र है। रविवार दोपहर 12 बजे वह कालोनी निवासी पल्लेदारी करने वाले दोस्तों संतोष (22), शादी समारोहों में हलवाई का काम करने वाले आनंद उर्फ चिन्ना (20) व चार और साथियों रामजाने, उसके भाई सुमित, मोहल्ले के मिंटू, संतोष के साथ रामजाने के लोडर से भैरोघाट पर पहुंचे। छोटू, संतोष व चिन्ना नदी में उतर गए। बाकी दोस्त जब तक आते, तभी छोटू गहरे पानी की ओर चला गया। संतोष व चिन्ना ने डूबता देख उसे बचाने की कोशिश की तो वह भी गढ्डे में समाने लगे। यह देख किनारे खडे़ संतोष, रामजाने आदि लोग चिल्लाए। तुरंत गोताखोरों को बुलाया और पुलिस व तीनों के परिजनों को फोन कर जानकारी दी।

सूचना पर कोहना व ग्वालटोली थाना पुलिस पहुंची। गोताखोरों ने करीब डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद तीनों को निकाला। शरीर में भरा पानी निकालकर मुंह से सांस दी। इसके बाद पुलिस उन्हें एलएलआर अस्पताल ले गई। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया तभी कालोनी से आए लोगों ने हंगामा कर दिया। महिलाओं ने कहा कि तीनों अस्पताल आते समय जिंदा थे। यहां ठीक से इलाज नहीं हुआ। कोहना पुलिस ने लोगों को शांत कराया। बाद में परिवार वाले शवों को बिना पोस्टमार्टम कराए साथ ले गए।–

बार-बार डाक्टर को बुलाते रहे

तीनों युवकों के डूबने की सूचना जब घर पहुंची तो सीपीसी कालोनी से सैकड़ों लोग भैरोघाट और एलएलआर अस्पताल पहुंचे। महिलाएं फफककर रो पड़ीं। छोटू, संतोष व चिन्ना की मां बेसुध हो गईं। लोग बार-बार डॉक्टरों को बुलाकर स्ट्रेचर पर लेटे युवकों को दोबारा चेक करने के लिए कहते रहे।

हाथ थाम नदी में लगाई छलांग

राजेश उर्फ छोटू, संतोष व चिन्ना गहरे दोस्त थे। साथ ही घूमते फिरते थे। गंगा नहाने के लिए भी तीनों साथ ही पहुंचे और हाथ थामकर पानी में उतरे। छोटू हाथ छुड़ाकर आगे चला गया। जरा सी असावधानी ने उनकी जान ले ली। आसपास के लोगों ने बताया कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां भंवर बनती है। एक दिन पहले भी खलासी लाइन का छात्र यहीं डूब गया था।

हादसे के बाद भी नहीं चेते लोग

एक दिन पहले ही छात्र की यहां डूबने से मौत हुई थी। फिर भी प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए। न ही ऐसा कोई संकेतक लगाया गया, जिसे पढ़कर लोग गहरे पानी की ओर न जाएं।

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