समाजवादी पार्टी महंगाई, बेरोजगारों और अन्य मुद्दों को लेकर विधान भवन प्रदर्शन करने जा रही थी। इसके पूर्व ही बुधवार की सुबह पार्टी विधायको के घरों के बाहर पुलिस ने पहरा लगा दिया। पार्टी की तरफ से ट्विट्टर, फेसबुक पर गुस्सा जताया गया है।
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पार्टी की ओर से पोस्ट किया गया कि महंगाई, बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था, भर्तियों में धांधली, स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टचार, गरीब के घरों पर चल रहे बुलडोजर, किसानों की दुर्दशा के मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने आज विधानसभा जा रहे हैं सपा विधायक लेकिन पुलिस सपा विधायकों को घरों से निकलने नहीं दे रही। घोर निंदनीय!
दरअसल, समाजवादी पार्टी इस बार विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही पांच दिन का धरना प्रदर्शन करने जा रही है। 14 सितंबर से 18 सितंबर तक विधान भवन में चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष पार्टी के विधानसभा व विधान परिषद सदस्य धरना देंगे। इस आंदोलन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी एक दिन धरने पर बैठेंगे। सपा खराब कानून-व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी और झूठे मुकदमे दर्ज कराने जैसे मुद्दों के विरोध में धरना प्रदर्शन करने जा रही है।
विधानसभा में सपा के सचेतक व पूर्व मंत्री मनोज पांडेय ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने बताया कि बुधवार को धरने का नेतृत्व वह खुद करेंगे। 15 सितंबर को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, 16 सितंबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद व इन्द्रजीत सरोज, 17 सितंबर को पूर्व मंत्री राम अचल राजभर करेंगे। 18 को धरने का नेतृत्व पूर्व नेता विरोधी दल रामगोविन्द चौधरी तथा पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह करेंगे।
मनोज पांडेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां के ऊपर गवाहों को धमकाने का झूठा मुकदमा लिखाया गया और जौहर विश्वविद्यालय चलाने में बाधा डाली जा रही है। भाजपा सरकार ने चुनाव के समय घोषणा की थी कि बिजली फ्री देंगे। जनता आज भी फ्री बिजली का इंतजार कर रही है।