मुख्य याचिका का 2019 में निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट ने 4 माह में आईआरबी का हरियाणा पुलिस में विलय करने के लिए नियम बनाने का आदेश दिया था।
पांच साल बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन न होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार हरियाणा सरकार हरकत में आई। इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के जवानों का हरियाणा पुलिस में विलय करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था यदि अब अधिसूचना जारी नहीं की गई तो अगली सुनवाई पर राज्य के डीजीपी व अन्य अधिकारियों को अदालत में मौजूद रहना होगा।
अवमानना याचिका दाखिल करते हुए गुरुग्राम निवासी राजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि उसकी मुख्य याचिका का 2019 में निपटारा करते हुए सरकार को हाईकोर्ट ने 4 माह में आईआरबी का हरियाणा पुलिस में विलय करने के लिए नियम बनाने का आदेश दिया था। तय अवधि बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
हाईकोर्ट में अवमानना याचिका 2020 में दाखिल की गई थी और अभी तक पालन न होने पर अब हाईकोर्ट ने तल्ख रवैया अपनाया है। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि राज्य के मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद नियम पहले ही तैयार किए जा चुके हैं, आपत्तियों को दूर करने के बाद उन्हें सरकार के कानूनी सलाहकार (एलआर) को भेजा गया है। एलआर से मंजूरी के बाद लगभग बीस दिनों की अगली अवधि के भीतर किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने कहा था कि अब सरकार को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है। यदि एक माह में आदेश का पालन कर नियमों को अंतिम रूप देकर अधिसूचित नहीं किया गया तो प्रदेश के डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों को अदालत में मौजूद रहना होगा। हाईकोर्ट ने कहा था कि अब बहाना नहीं आदेश का पालन होना चाहिए। अब मामला सुनवाई के लिए पहुंचा तो सरकार की ओर से बताया गया कि आदेश का पालन किया जा चुका है। इस जानकारी को आधार बनाकर हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया।
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