परिवहन विभाग के चालक-परिचालकों की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग के छह हजार कर्मचारियों को भी इस बार वर्दी धुलाई भत्ता नहीं मिल पाया है। बगैर पूर्व सूचना के वर्दी धुलाई भत्ता रोकने पर भड़के बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों (एमपीएचडब्ल्यू) ने तुरंत प्रभाव से यह भत्ता जारी करने की मांग की है।
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन की राज्य प्रधान शर्मिला देवी और महासचिव सहदेव सांगवान तथा स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेहर वर्मा ने बताया कि अगस्त में जारी जुलाई का जो वेतन जारी किया गया है, उसमें वर्दी धुलाई भत्ता शामिल नहीं है। इस बारे में जब मुख्यालय में संपर्क किया गया तो पता चला कि ई सैलरी से वर्दी धुलाई भत्ता का विकल्प ही वित्त विभाग द्वारा हटा दिया गया है। इससे यह कटौती हुई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में एमपीएचडब्ल्यू वर्ग के लगभग छह हजार महिला एवं पुरुष कर्मचारी एवं निरीक्षक तैनात है, जिन्हें सरकार द्वारा कई वर्षों से 900 रुपये प्रति माह वर्दी धुलाई भत्ता दिया जा रहा था।
बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक वर्दी धुलाई भत्ता वेतन से हटाना कर्मचारियों एवं उनके परिवारों से कुठाराघात है। उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय उच्च अधिकारियों को पत्र लिख मामले में संज्ञान लेकर तुरंत ई सैलरी पर वर्दी धुलाई भत्ते का आप्शन जोड़कर राशि जारी करने की मांग की है।
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