देशवासियों को हाइड्रोजन ट्रेन की सौगात अब नए साल में मिलेगी। जर्मन कंपनी की रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण उद्घाटन प्रक्रिया को रोक दी गई है। कंपनी की रिपोर्ट दो से तीन सप्ताह में आएगी। इसके बाद ही प्लांट के उद्घाटन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
जिले में हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है लेकिन जर्मनी की टेक्निकल कंपनी की फाइनल रिपोर्ट समय पर न आने के कारण उद्घाटन प्रक्रिया को रोक दिया गया है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि दिसंबर में प्लांट को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा लेकिन अब यह संभव नहीं हो सकेगा। हाइड्रोजन प्लांट रेलवे परियोजनाओं में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है क्योंकि इसके शुरू होने के बाद रेलवे इंजन को पर्यावरण अनुकूल वैकल्पिक ईंधन उपलब्ध होगा। निर्माण एजेंसी ने सभी इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और तकनीकी इंस्टालेशन का काम पूरा कर दिया है।
पाइपलाइन, स्टोरेज टैंक, कंट्रोल रूम और सुरक्षा मानकों के अनुरूप लगाए गए उपकरणों की टेस्टिंग भी स्थानीय स्तर पर पूरी हो चुकी है। अंतिम हरी झंडी जर्मन तकनीकी विशेषज्ञों की ओर से मिलने वाली रिपोर्ट पर निर्भर है। जर्मनी की कंपनी को प्लांट के संचालन से संबंधित सुरक्षा पैरामीटर, हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता और जोखिम प्रबंधन के तकनीकी मूल्यांकन की रिपोर्ट भेजनी थी। यह रिपोर्ट उद्घाटन से पहले अनिवार्य मानी जाती है ताकि संचालन के दौरान किसी दुर्घटना या तकनीकी जोखिम से बचा जा सके।
डीआरएम दिल्ली ने किया था प्लांट का निरीक्षण
3 दिसंबर को डीआरएम दिल्ली पुष्पेश रमन त्रिपाठी ने प्लांट का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य, सुरक्षा व्यवस्था और मशीनरी सेटअप की विस्तार से समीक्षा की। डीआरएम को प्लांट की तकनीकी व्यवस्था संतोषजनक मिली थी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने प्लांट से जुड़े कर्मचारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल और रखरखाव से संबंधित दिशा-निर्देश भी दिए थे।
अधिकारी के अनुसार
हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन दिसंबर माह में नहीं होगा। जर्मनी कपनी की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट दो से तीन सप्ताह में आएगी। इसके बाद ही हाइड्रोजन प्लांट के उद्घाटन प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
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