छह राज्यों बिहार, यूपी, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा और महाराष्ट्र की 7 सीटों पर आज उपचुनाव हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले अगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ये उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ-साथ क्षेत्रीय पार्टियों के लिए भी काफी मायने रखते हैं। हरियाणा की आदमपुर सीट, बिहार विधानसभा की दो सीटों-मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट, यूपी की गोला गोकर्णनाथ, तेलंगाना की मुनूगोड़े और ओडिशा की धामनगर सीट पर आज उपचुनाव होने जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो इस चुनाव में सांकेतिक मुकाबला भाजपा और क्षेत्रीय दलों के बीच है। आइए आपको समझाते हैं 6 राज्यों की 7 सीटों में हो रहे उपचुनावों का गणित।
यूपी की ‘गोला गोकर्णनाथ’ सीट
उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ सीट पर भाजपा के सामने सीट बचाने की चुनौती है। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट को जीता था। भाजपा विधायक अरविंद गिरी का 6 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, इसलिए यहां उपचुनाव हो रहे हैं। बता दें कि अरविंद गिरी लखीमपुर खीरी जिले की गोला सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। भाजपा ने इस बार अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरि को टिकट दिया है। अमन का मुकाबला पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनय तिवारी से है।
बिहार की मोकामा विधानसभा सीट
बिहार की मोकामा विधानसभा सीट राज्य की लोकप्रिय सीटों में से एक है। यहां से 4 बार बाहुबली विधायक अनंत सिंह चुनाव जीत चुके हैं। सजा मिलने के कारण अनंत सिंह की विधायकी चली गई। इसी वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर भूमिहार वोटरों का दबदबा है। अनंत सिंह भी भूमिहार हैं। पूर्व विधायक अनंत सिंह यहां ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर हैं। इस बार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में हैं। नीलम देवी का मुकाबला राष्ट्रीय जनता भाजपा की सोनम देवी हो रहा है।
बिहार की गोपालगंज सीट
बिहार की गोपालगंज सीट पूर्व भाजपा मंत्री और विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई है। सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी इस सीट पर उपचुनाव लड़ रही हैं। कुसुम के सामने आरजेडी के मोहन गुप्ता, बहुजन समाज पार्टी की इंदिरा यादव (लालू प्रसाद के साले अनिरुद्ध यादव की पत्नी) और एआईएमआईएम के असलम मुखिया मैदान में उतरे हैं। ऐसे में कुसुम के लिए चुनौती कड़ी होगी। भाजपा इस सीट पर पांचवीं बार अपनी जीत कायम रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है, वहीं गोपालगंज लालू का गृहजिला है। ऐसे में आरजेडी इस सीट को जीत कर अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करना चाहेगी।
हरियाणा की आदमपुर सीट
हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर कुलदीप बिश्नोई की अग्निपरीक्षा हो रही है। उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर है। आदमपुर सीट 1968 से भजनलाल परिवार के पास रही है। दिवंगत मुख्यमंत्री ने 9 बार, उनकी पत्नी जस्मा देवी ने एक बार और कुलदीप बिश्नोई ने 4 बार इसका प्रतिनिधित्व किया है। इस उप चुनाव में कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल और आम आदमी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
महाराष्ट्र की अंधेरी (ईस्ट)
महाराष्ट्र की अंधेरी (ईस्ट) विधानसभा सीट पर इस बार उद्धव ठाकरे और एकनाथ गुट की परीक्षा हो रही है। शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की लोकप्रियता की यहां परीक्षा है। अंधेरी (ईस्ट) सीट से शिवसेना के दिवंगत रमेश लटके विधायक थे। रमेश लटके उनके असमय निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। उद्धव ठाकरे ने दिवंगत लटके की पत्नी रुतुजा लटके को इस सीट से टिकट दिया है, उनके सामने चार निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
तेलंगाना मुनूगोड़े सीट
तेलंगाना की मुनूगोड़े विधानसभा सीट पर टीआरएस और भाजपा के बीच मुख्य टक्कर हो रही है। हालांकि, ये सीट कांग्रेस के पास थी, कांग्रेस विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफा देने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। रेड्डी अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। भाजपा ने रेड्डी को ही चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पलवई श्रावंती को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, टीआरएस ने के प्रभाकर रेड्डी पर को चुनाव मैदान में उतारा है।
ओडिशा की धामनगर सीट
ओडिशा की धामनगर सीट 9 सितंबर को भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के बाद रिक्त हो गई थी। भाजपा इस सीट पर फिर जीत की उम्मीद से उतरी है। भाजपा ने बिष्णु के बेटे सूर्यबंशी सूरज को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के सामने बीजू जनता दल (बीजेडी) के अबंती दास और कांग्रेस के बाबा हरेकृष्णा सेठ कड़ी चुनौती पेश करेंगे ऐसी संभावना जताई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व विधायक राजेंद्र दास निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में धामनगर सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।