ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर कहा कि कमांडर कासिल सुलेमानी की मौत का बदला तब तक पूरा नहीं होगा जब तक अमेरिकी सैनिक इलाके से बाहर नहीं चले जाते। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिकी सैनिक बाहर नहीं जाते हैं तो उनको ईरान के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कुद्स बल के जनरल कासिम सुलेमानी की ट्वीटर पर प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि सुलेमानी ने आईएसआईएस, अल नुसराह और अल कायदा जैसे संगठनों के खिलाफ वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। उनके इन्हीं सब कामों की वजह से अब यूरोपीय राजधानियां कुछ संकटों में है। उन्होंने आगे बताया कि ईरान, सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए तैयारियां कर रहा है।
इससे पहले, खाड़ी देश के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इराक में अमेरिकी एयरबेसों पर रात भर किए गए मिसाइल हमलों को ब्रांडेड किया था, जिसमें देश के शीर्ष-रैंकिंग Quds जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए इस्लामिक रिपब्लिक की त्वरित प्रतिक्रिया पर टिप्पणी की थी। उन्होंने रूहानी के दृष्टिकोण के अनुरूप, मध्य पूर्व में अमेरिकी उपस्थिति को पूरी तरह से हटाने के लिए काम किया था। उनकी इच्छा थी कि अमेरिकी बलों को इस क्षेत्र को छोड़ना पड़े।
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि तेहरान के मिसाइल हमलों का अमेरिकी आकलन “भ्रम” पर आधारित नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे “वैध आत्मरक्षा” में किए गए थे। ईरानी टेलीविजन के अनुसार, इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 15 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से 80 को मार डाला गया और अमेरिका के सैन्य उपकरणों को “गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया” गया, जबकि अमेरिकी पक्ष ने अभी तक नुकसान पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal