हाथरस दुष्कर्म कांड पर देश भर में हो रहे प्रदर्शन और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया है।
इसकी अध्यक्षता गृह सचिव भगवान स्वरूप करेंगे। डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम को इसका सदस्य बनाया गया है। एसआईटी एक सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि प्रशासन ने मंगलवार देर रात परिजनों के घोर विरोध के बीच पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। कहा जा रहा है कि इससे पीड़िता से जुड़े हुए साक्ष्य भी नष्ट हो गए हैं। हाथरस दुष्कर्म कांड में पीड़िता की मौत के बाद राजनीतिक दलों ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा।
लखनऊ में कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। जिस पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया। इसके अलावा, सपाइयों ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय मांगा। हाथरस पीड़िता के गांव में भी लोगों ने प्रदर्शन किया किया। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये सहायता की घोषणा की।
गौरतलब है कि दरिंदगी का शिकार हुई हाथरस की पीड़िता ने मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। 14 सितंबर को चार दरिंदों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे मौत के मुंह में धकेल दिया।
उसके शरीर में कई चोटें आईं और वह 15 दिनों तक अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में दर्द से तड़पती रही और मौत से लड़ती रही। शरीर की कई हड्डियां टूटने और कई हिस्सों में लकवा मारने के कारण उसे गंभीर हालत में सोमवार को दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन यहां रात काटना भी मुश्किल हुआ और 16वें दिन मंगलवार को सुबह 6:15 बजे हाथरस की बिटिया ने अंतिम सांस ली।