दिल्ली में कोरोना का कहर एक बार तेज हो गया है. बढ़ते प्रदूषण के बीच कोरोना मरीजों की मौत के बढ़ते आंकड़ों ने दिल्ली को डरा दिया है. कोरोना से एक्टिव केस नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. इस बीच दिल्ली सरकार ने मोबाइल वैन से कोरोना टेस्ट करने और पटाखों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है.
कोरोना से हुई मौतों ने 4 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और पिछले 24 घंटे में 66 लोग कोरोना की वजह से दम तोड़ चुके हैं. दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक अगर बीते 4 महीने के आंकड़े को देखें तो इससे पहले 27 जून को 66 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी.
वहीं, दिल्ली में एक दिन में कोरोना से मरने वाले मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा 17 जून को दर्ज किया गया, जब 24 घंटे में 93 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया था. लगातार तीसरे दिन यहां 6 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.
दिल्ली में इस वक्त 38,700 से ज्यादा कोरोना के सक्रिय मामले हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या और बढ़ाने का फैसला लिया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी और दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों के साथ अपने आवास पर समीक्षा बैठक की थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने फैसला किया कि भीड़भाड़ वाली जगहों और बाजारों में कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसके लिए मोबाइल बैन तैनात की जाएगी.
बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली दीपावली पर जलाए जाने वाले पटाखे पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. ये पाबंदी 7 नवंबर से 30 नवंबर तक जारी रहेगी. इस दौरान दिल्ली वाले ग्रीन पटाखे भी नहीं जला सकते हैं.
इस बीच मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 नवंबर तक दिल्ली वालों को स्मॉग से राहत मिलने वाली नहीं है. कुल मिलाकर दिल्ली वालों के लिए ये दिवाली कोरोना और जहरीले धुएं से जंग के साथ गुजरने वाली है.