स्वास्थ्य के लिए चमत्कार: संस्कृत में गिलोय को अमृत माना गया

जब से दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ है, तब से सभी के लिए अपनी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाना सबसे ज़रूर हो गया है। क्योंकि इस वक्त कोविड-19 की वैक्सीन या इलाज मौजूद नहीं है इसलिए सभी के लिए अब इम्यूनिटी को मज़बूत बनाना ज़रूरी हो गया है। वैसे तो कई चीज़ें हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ावा देती हैं, लेकिन आयुर्वेद में गिलोय को किसी वरदान से कम नहीं माना गया है।

क्या होता है गिलोय

संस्कृत में गिलोय को अमृत माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें अद्भुत औषधीय गुण पाए जाते हैं। इस जड़ीबूटी का अगर नियमित रूप से सेवन किया जाए, तो ये स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकती है। गिलोय की जड़ और डंठल, दोनों में औषधीय गुण होते हैं।

यह औषधि एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो शरीर को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है। साथ ही ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर करती है और खून को साफ करती है। गिलोय को जूस या फिर टैबलेट के ज़रिए लिया जा सकता है।

गिलोय की टैबलेट

ताज़ा गिलोय की जड़ या डंठल मिलना आसान नहीं है, इसलिए मेडिकल स्टोर से गिलोय की टैबलेट्स भी ली जा सकती हैं। व्यस्कों के लिए दिन में दो टैबलेट काफी हैं, वहीं, 5 से 10 साल तक के बच्चों के लिए दिन में एक टैबलेट काफी है। हालांकि, डॉक्टर से पूछकर इसकी खुराक लेना बेहतर है।

गिलोय जूस

अगर आपको गिलोय की ताज़ा डंठल या जड़ मिल जाती है, तो उंगली की लंबाई जितनी गिलोय लें और उसे अच्छी तरह धोकर दो ग्लास पानी में तब तक उबालें, जब तक पानी आधा नहीं हो जाता। जब पानी गुनगुना हो जाए, तो उसे पी लें। आप गिलोय के जूस का एक ग्लास रोज़ाना पी सकते हैं।

स्वाद को बेहतर करने और इसके पोषण को बढ़ाने के लिए काढ़ा भी तैयार किया जा सकता है। इसके लिए आपको चाहिए:

दो इंच अदरक

3-4 तुलसी के पत्ते

उंगली जितनी गिलोय

दो काली मिर्च

दो लॉन्ग

अब दो ग्लास पानी में अदरक, तुलसी और गिलोय को डाल कर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए, तो गैस बंद कर इसमें काली मिर्च और लॉन्ग मिलाकर पैन को ढक दें। 5-10 मिनट रुकने के बाद इसे छान कर पी लें। आपको रोज़ाना इसका आधा ग्लास दिन में एक बार पीना है।

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